Move to Jagran APP

बढ़ रही वंश बेल, गुलजार हुआ मगरमच्छों का आशियाना

दर्जनिया ताल में इस समय 350 मगरमच्छ हैं। कभी हयां पर गिनती के मगरमच्छ हुआ करते थे। वन विभाग ने इसके लिए काफी मेहनत की है।

By Edited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 07:15 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 07:15 AM (IST)
बढ़ रही वंश बेल, गुलजार हुआ मगरमच्छों का आशियाना
बढ़ रही वंश बेल, गुलजार हुआ मगरमच्छों का आशियाना
गोरखपुर, जेएनएन। मगरमच्छों का आशियाना कहा जाने वाला महराजगंज जिले का दर्जनिया ताल इन दिनों निहाल है। उसके आंगन में अठखेलियां करते मगरमच्छ सभी का मन मोह लेते हैं। 10 हेक्टेयर में फैले इस ताल में कभी गिनती के मगरमच्छ हुआ करते थे, लेकिन बेहतर प्राकृतिक वातावरण के चलते हाल के दो- तीन वर्षाें में मगरगच्छों की वंश बेल में इजाफा हुआ है।
मगरमच्छों की संख्या अब इस ताल में 350 पहुंच गई है। मगरमच्छों को करीब से देख कर उनकी गतिविधियों को जानने-समझने वाले प्रकृति प्रेमी ताल के समीप लंबा समय गुजार रहे हैं। प्रकृति की गोद में बसे दजर्निया ताल के तीन हेक्टेयर में पानी और सात हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलदली भूमि है। ताल के बीच बने 10 टापुओं पर मगरमच्छ प्राय: देखे जा सकते हैं। मगरमच्छों को देखना हो तो समय का रखें ध्यान पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित दर्जनिया ताल में यदि मगरमच्छों को देखना है तो आप को समय का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। गर्मी के दिनों में सुबह-शाम और रात में मगरमच्छ टापू पर आ जाते हैं।
जाड़े के दिनों में गुनगुनी धूप इन्हें लुभाती है। जब तक धूप रहती है, बड़ी संख्या में मगरमच्छ टापू पर नजर आते हैं। यहीं बालू के टापू पर ही मादा मगरमच्छ अंडा भी देतीं हैं। पर्यटकों को ठहरने की भी हो रही व्यवस्था बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम (बीएडीपी) के अंतर्गत इस ताल का सुंदरीकरण वन विभाग द्वारा कराया गया है। यहां पर्यटकों को ठहरने के लिए दो कमरे बन हैं। ताल के किनारे 11 सौ मीटर बंधा व 400 मीटर नेचर ट्रेल का कार्य भी पूर्ण हो चुका है । यहां अनाधिकृत लोगों का प्रवेश न हो सके, इसलिए बड़ी नहर से ताल के बीच कटीले तारबाड़ लगाकर दर्जनियां ताल को सुरक्षित किया गया है।
पर्यावरण के साथ करिए पर्यटन
प्रकृति को नजदीक से देखने- समझने के लिए ईको टूरिज्म (पर्यावरण के साथ पर्यटन) योजना को अंतिम रूप विभाग द्वारा दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत एक बार में ही पर्यटक दर्जनिया ताल में मगरमच्छ देखने के साथ ही टेलफाल तक जाकर डाल्फिन की अठखेलियाों का भी नजारा देख सकेंगे। अभी और विकसित होगा दर्जनिया ताल सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ मनीष ¨सह का कहना है कि मगरमच्छों के संरक्षण व संवर्धन के लिए विभाग द्वारा पहल की जा रही है। शीघ्र ही दर्जनिया ताल को और विकसित किया जाएगा। मगरमच्छों को देखने के लिए दूर- दूर से लोग आ रहे हैं।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.