Move to Jagran APP

गोरखपुर में वनटांगियों के घर पड़े मोरारी बापू के कदम तो देखिए- कैसा था वहां का माहौल Gorakhpur News

गोरखपुर में कथा कहने आए संत मोरारी बापू गोरखपुर के वन टांगियों के घर पहुंचे और उनके साथ भोजन भी किया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 01:05 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 08:48 AM (IST)
गोरखपुर में वनटांगियों के घर पड़े मोरारी बापू के कदम तो देखिए- कैसा था वहां का माहौल Gorakhpur News
गोरखपुर में वनटांगियों के घर पड़े मोरारी बापू के कदम तो देखिए- कैसा था वहां का माहौल Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। वर्षों से उपेक्षा के शिकार वनटांगियों के घर जब कथा वाचक संत मोरारी बापू के कदम पड़े तो मानो वहां एक साथ होली दीवाली जैसा मौसम आ गया हो। लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि जिनकी कथा सुनने के लिए लोग कई किलोमीटर दूर तक जाते हैं वह उनके बीच स्‍वयं चलकर आए हैं।

loksabha election banner

साथ में प्रसाद भी ग्रहण किया

गोरखपुर में कथा सुनाने आए मोरारी बापू सोमवार देर शाम अचानक वनटांगिया गांव तिकोनिया नंबर तीन में पहुंच गए। एक दिव्यांग वनटांगिया मनोज निषाद के यहां रुके। उनके यहां उन्होंने प्रसाद ग्रहण किया। बातचीत की। उनके दो पुत्रों व दो पुत्रियों को कपड़े खरीदने व मेला करने के लिए रुपये भी दिए। उनके शिष्य बड़ी मात्रा में पूड़ी-सब्जी बनवाकर ले गए थे। उन्होंने वनटांगियों को प्रसाद (खाना) खिलाया।

बच्चियों के हाथ का बना खाना खाया

मोरारी बापू अचानक दिव्यांग मनोज निषाद के घर पहुंचे। उन्होंने मनोज की दोनों पुत्रियों सुमन व संयोगिता को बाहर बुला कर पूछा कि मुझे खाना खिलाओगी। पुत्रियों संग मनोज निषाद ने कहा क्यों नहीं बापू। फिर बापू मकान के बाहर तख्त पर बैठ गए। बापू ने मनोज से कहा कि मोटी रोटी व आलू की सब्जी बनवाओ।

बच्चियां बापू को दूध व सब्जी देने के बाद गरमा-गरम पराठा बनाती गईं तथा बापू को परोसती गईं। बापू स्वयं भी खा रहे थे तथा साथ आए हुए करीब एक दर्जन लोगों को भी बीच-बीच में पराठा और सब्जी देते जा रहे थे।

बोले, गरीब के घर व्यास पीठ को जाना ही चाहिए

मोरारी बापू ने कहा कि गरीब के घर राजनीतिक भले न जाएं, व्यास पीठ को जाना ही चाहिए। मैं देश-विदेश कहीं भी जाता हूं, समाज के निचले तबके के लोगों के घर अचानक पहुंचकर भिक्षा मांग कर भोजन करता हूं।

पत्रकारों से बातचीत में बापू ने कहा कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ महाराज होली व दीवाली इन्हीं लोगों के बीच मनाते हैं, वनटांगिया उनके परिवार जैसे हैं। यह पूछने पर कि पिछले सप्ताह आपने राष्ट्रपति भवन में भोजन किया था, आज गरीब के घर भोजन कर आप कैसा महसूस कर रहे हैं? बापू ने कहा कि हमें गरीब का घर भी राष्ट्रपति भवन ही लगता है, क्योंकि गरीब ही देश की असली आत्मा हैं। मेरे यहां आने से मनोज का परिवार खुश है या नहीं, मैं स्वयं बहुत खुश हूं और गौरवांवित महसूस कर रहा हूं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.