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गोरखपुर में मोरारी बापू की कथा : आस्था के सैलाब पर अमृत वचनों की बारिश Gorakhpur News

गोरखपुर में मोरारी बापू की श्री रामकथा में बड़ी संख्‍या में लोग जुट रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 11:50 AM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 12:14 PM (IST)
गोरखपुर में मोरारी बापू की कथा : आस्था के सैलाब पर अमृत वचनों की बारिश Gorakhpur News
गोरखपुर में मोरारी बापू की कथा : आस्था के सैलाब पर अमृत वचनों की बारिश Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। तीन दिन पहले तक बारिश लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही थी तो इसके ठीक उलट मोरारी बापू के मुखारविंद से हो रही अमृत वचनों की बारिश लोगों की आस्था। हर कोई अमृत वचनों की बारिश में भीगने को बेताब था। बापू के साथ मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी आयोजन के महत्व को और बढ़ा रही थी।

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गोरखपुर में बापू की कथा में श्रद्धालुओं का उत्साह किस कदर था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शाम चार बजे शुरू होने वाले आयोजन के लिए दोपहर में आधा पंडाल भर गया। पहुंचने वाला हर व्यक्ति पहले व्यास पीठ को प्रणाम कर रहा था और तब अपना स्थान ले रहा था। ठीक चार बजे जब वह रामायण पोथी के व्यासपीठ पर विराजमान हुए तो सबके चेहरे खिल गए। बापू ने मंच पर पहुंचते ही सबका अभिवादन किया तो लोगों को अपना जीवन धन्य होता लगा। फिर इंतजार था मुख्यमंत्री योगी का। सवा चार बजे जब वह भी मंच पर पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत तालियों से किया। उसके बाद पहले योगी ने अपने संबोधन से बापू का प्रदेश और गोरखपुर में स्वागत किया और फिर शुरू हुई बापू की रामकथा। रामकथा में उन्होंने पहले कथा के विषय मानस की जानकारी दी और फिर उसके चयन पर विस्तार से प्रकाश डाला। पहले दिन की एक घंटे की रामकथा श्रद्धालुओं ने पूरी तल्लीनता से सुनी।

बापू के भजन में डूब गए योगी

मोरारी बापू ने रामकथा का शुभारंभ भजन से किया। भजन की मिठास और संदेश श्रद्धालुओं को तो मंत्रमुग्ध कर ही रहा था, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उसमें डूबते नजर आए। कई बार वह भजन में इतने तल्लीन हुए कि आंखें बंद कर भगवत ध्यान में खो गए। 

रामचरित मानस लेकर पहुंचे थे श्रद्धालु

बापू की रामकथा सुनने के लिए देश भर से आए श्रद्धालुओं में से कई के हाथों में तुलसीकृत रामचरित मानस भी देखने को मिला। कई तो उसका पाठ करते देखे गए, जिससे माहौल कथा शुरू होने से पहले आध्यात्मिक हो उठा।

कई बार बापू बताते हैं भंडारे का मेन्यू

चंपा देवी पार्क स्थित रामकथा स्थल पर पहुंचते ही भंडारे के लिए बन रहे भोजन की खुशबू हर किसी का ध्यान खींच रही थी। भंडारे के प्रसाद की क्वालिटी को लेकर जब आयोजकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। कई बार बापू खुद व्यासपीठ से ही भंडारे के प्रसाद का मेन्यू पूछकर श्रद्धालुओं को बताते हैं। पहले दिन करीब 2000 लोगों के लिए प्रसाद का इंतजाम किया गया था। आयोजकों के मुताबिक रविवार से 15 से 20 हजार लोगों के लिए प्रसाद बनेगा। 13 अक्टूबर तक चलने वाली कथा के दौरान प्रतिदिन का मेन्यू अलग-अलग होगा। हालांकि बिना लहसुन-प्याज के बनने वाले प्रसाद में चावल-दाल की मौजूदगी हर दिन रहेगी। नवरात्र में नौ दिन का उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए फलाहार का इंतजाम भी किया जा रहा है। बेसन की बर्फी प्रसाद का मुख्य आकर्षण है।

योगी के पहुंचते ही गूंजा राम का जयघोष

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कथा के मंच पर ज्यों ही पहुंचे, श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत भगवान श्रीराम के जयघोष से किया। योगी ने भी उनकी भावनाओं का पूरा सम्मान किया। बापू का सम्मान करने के बाद उन्होंने श्रद्धालुओं को अभिवादन तो किया ही, साथ भी भगवान राम से जुड़ी खुशखबरी जल्द मिलने की बात कहकर उनका उत्साह बढ़ा दिया।

अंदर राम बाहर बापू की गूंज

चंपा देवी पार्क के अंदर कथास्थल पर भगवान राम का नाम तो बाहर मोरारी बापू की गूंज है। रोजाना शाम को गुलजार रहने वाले नौकायन स्थल पर शनिवार शाम सन्नाटा पसरा रहा। हर कोई शीघ्रता से पार्क पहुंचने के लिए उत्सुक दिखा। नौकायन के दुकानदार भी पार्क के आसपास आ गए थे। कथा की तैयारी शुरू होने के साथ ही मोरारी बापू की चर्चा होने लगी थी।

चंपा देवी पार्क के बगल के गौतम विहार विस्तार, इंदिरानगर समेत कई कॉलोनियों के हजारों घरों में कथा को लेकर कई दिनों से उत्सुकता देखते बनती थी। कोई कुछ साल पहले संतकबीरनगर के मगहर में बापू की कथा का महात्म्य बता रहा था तो कोई हर दिन कथा सुनने की योजना बना रहा था।

संगीतनी और गीता प्रेस का स्टाल

कथा स्थल पर मोरारी बापू के प्रवचन, ग्रंथ, प्रवचन की सीडी आदि का स्टाल लगा हुआ है। इसका नाम संगीतनी रखा गया है। संगीतनी के स्टाल पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। गीता प्रेस ने भी कथा स्थल पर अपना स्टाल लगाया है। यहां गीता प्रेस की सभी किताबें मिल रही हैं। इसके साथ ही केंद्र और प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए भी स्टाल लगा है।

बापू की वाणी में सम्मोहन है

भगत चौराहा कैलाशपुरी कॉलोनी से कथा सुनने पहुंचे राकेश तिवारी कहते हैं कि बापू की वाणी में सम्मोहन है। रामकथा सुनाने का उनका तरीका सबसे अलग है। रुस्तमपुर निवासी वरिष्ठ एडवोकेट जनार्दन त्रिपाठी ने कहा कि मोरारी बापू के श्रीमुख से रामकथा सुनने के साथ ही उनके सद्वचनों को आत्मसात करने वाला सभी दुुखों से मुक्त हो जाता है।

राम कथा के बहाने बापू ने की अंतस पर चोट

स्वयं तक की यात्रा मनुष्य जीवन का परम ध्येय है। यही वह परम यात्रा है जिसके लिए चौरासी लाख योनियों में भटकता हुआ जीव मनुष्य शरीर में गरिमावान हुआ है। यह यात्रा मूर्छा में संभव नहीं है। इसके लिए जागरण जरूरी है। मोरारी बापू का पूरा जोर इस बात पर था कि मनुष्य के भीतर जागरण पैदा हो और मूर्छा टूटे। इसलिए उन्होंने राम कथा के बहाने मनुष्य की चेतना को झंकझोरा और अंतस पर चोट की। क्योंकि यदि जागरण नहीं पैदा हुआ तो मनुष्य का जीवन सोये-सोये अंधकार में बीत जाएगा। उसे पता भी नहीं चलेगा कि वह खुदा है और बंदा होकर पूरा जीवन दुख व संत्रास में गुजार देगा, इसलिए बापू सीधे मूर्छा पर प्रहार कर रहे थे, हालांकि उनके प्रहार का तरीका बहुत ही मधुर व प्रेमपूर्ण था।

कथा के जरिये बापू श्रोताओं में जागरण का बीज मंत्र डालने की कोशिश कर रहे थे। यह बीज फूटे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि श्रोता के अंतस की भूमि कितनी उर्वर है, लेकिन बापू का पूरा प्रयास लोगों को संसार की रात्रि से जगाने पर था। उन्होंने गोस्वामी तुलसी दास व गुरु गोरखनाथ के जरिये अनेक दोहों के माध्यम से यह बताने की कोशिश की कि यदि जागे नहीं, तो जीवन का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। राम कथा भी नींद का कारण न बने, इसलिए उन्होंने पहले ही दिन श्रोताओं के समक्ष जागरण के महत्व को स्पष्ट कर दिया। विभिन्न उद्धरणों के माध्यम से उन्होंने समझाने की कोशिश की कि अंतस में जागरण पैदा हुआ तो ही श्रीराम कथा स्वयं की यात्रा में सहयोगी हो सकेगी।

बापू ने किया नाथ परंपरा के संतों को नमन

मोरारी बापू ने नाथ परंपरा के सभी संतों को नमन करते हुए कहा कि आज मैं योगी जी का आशीर्वाद लेकर श्रीराम कथा आरंभ कर रहा हूं। छोटों पर कृपा करना आपका का स्वभाव है। आपका आशीर्वाद हमेशा मिलता रहता है।

देश में चल रहा दो बाबा का शासन

बापू ने कहा कि देश में दो बाबा का शासन चल रहा है। एक बार गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी मेरी कथा में आए थे, उन्होंने कहा कि बापू मैं भी बाबा हूं। आज उस बाबा की छत्रछाया में पूरा देश है। दूसरे बाबा के हाथ में उत्तर प्रदेश का शासन है।

योगी के निर्भीक निर्णयों से होती है प्रसन्नता

मोरारी बापू ने कहा कि जब मैं अखबारों में मुख्यमंत्री योगी के निर्भीक निर्णयों को देखता हूं तो मुझे बहुत प्रसन्नता होती है।


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