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दिल्‍ली की तरह गोरखपुर में भी खुलेंगे मोहल्ला क्लीनिक

दिल्‍ली की तर्ज पर अब गोरखपुर में भी मोहल्‍ला क्‍लीनिक खुलेंगे। गोरखपुर नगर निगम बोर्ड की बैठक में य‍ह निर्णय लिया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 11:23 AM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 11:23 AM (IST)
दिल्‍ली की तरह गोरखपुर में भी खुलेंगे मोहल्ला क्लीनिक
दिल्‍ली की तरह गोरखपुर में भी खुलेंगे मोहल्ला क्लीनिक

गोरखपुर, जेएनएन। दिल्‍ली की तर्ज पर गोरखपुर में भी मोहल्ला क्लीनिक खुलेगा, जहां मौजूद चिकित्सक स्थानीय लोगों का इलाज करेंगे। शहर के हर दो वार्डों के बीच में एक मोहल्‍ला क्‍लीनिक खोलने की तैयारी है। इसके अलावा पटरी व्यावसायियों को जहां स्थायी ठिकाना दिया जाएगा, वहीं अवैध कालोनियों को भी औपचारिकताएं पूरी करके वैध किया जाएगा। नगर निगम बोर्ड की बैठक में ऐसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

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प्रभारी नगर आयुक्त, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने बताया कि 21 मोहल्लों में क्लीनिक खोलने के लिए शासन से मंजूरी मिल गई है। बोर्ड बैठक में सपा पार्षदों ने 'नगर निगम का कटोरा खाली है' लिखा पोस्टर दिखाकर विकास कार्य न होने का विरोध जताया। भाजपा पार्षद ने कलेक्ट्रेट में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण के कार्यक्रम में महापौर और पार्षदों को निमंत्रण न देने का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर पार्षदों की नाराजगी को देखते हुए अपर नगर आयुक्त को खेद जताना पड़ा।

नगर आयुक्त की हैसियत से पहली बार बोर्ड बैठक में मौजूद रहे जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि हर वार्ड में एक आंगनबाड़ी केंद्र एवं प्राथमिक स्कूल की सुविधा हो इसे सुनिश्चित किया जाएगा। डीएम ने बताया कि सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जल्द ही 60 नई मैजिक गाडिय़ां आ जाएंगी। साथ ही दो हजार हरे और नीले कूड़ेदान मंगाए जाएंगे। प्रमुख बाजारों में 50 मीटर की दूरी पर एक-एक कूड़ेदान रखने की योजना है।

उन्होंने बताया कि 70 में से 40 वार्डों में मिनी कार्यालय के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। यहां पार्षद के बैठने की व्यवस्था के साथ ही सफाई को लेकर शिकायतें सुनी जाएंगी। डीएम ने पार्षदों से कहा कि वह अपने क्षेत्र के दो जरूरी काम का प्रस्ताव दे दें। जनवरी महीने में टेंडर कर उनका निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। डीएम ने पार्षदों को भरोसा दिया कि जनवरी से न सिर्फ निगम में अधिक समय देंगे, बल्कि 10-10 पार्षदों के साथ बैठ पर वार्ड के विकास पर चर्चा करेंगे। नाला मरम्मत, क्रास और छोटे-मोटे निर्माण की शिकायतों को सात दिन के अंदर दूर किया जाएगा। महापौर सीताराम जायसवाल ने सफल बैठक के लिए सभी का आभार जताया।

भाजपा पार्षद दल के नेता ने उठाया मुद्दा

भाजपा पार्षद दल के नेता ऋषि मोहन वर्मा ने इंटर वार्ड प्रतियोगिता को लेकर कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम में महापौर को निमंत्रण न भेजने का मुद्दा उठाया। पार्षद ने कहा कि सफाई में पार्षदों से सहयोग लिया जा रहा है, लेकिन कार्यक्रम में पार्षदों के अलावा महापौर की भी उपेक्षा की जा रही है। अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि पूरा कार्यक्रम प्रशासन की तरफ से आयोजित था। भविष्य में महापौर को ऐसे कार्यक्रम की सूचना दी जाएगी।

नौ हजार पटरी व्यवसायियों को करेंगे व्यवस्थित

डीएम ने बताया कि शत्रु संपत्ति और नजूल की जमीन में पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। एयरपोर्ट स्टेशन पर एक ट्रस्ट से किराये पर पार्किंग की जमीन ली जा रही है। इसके अलावा नौकायन केंद्र समेत 15 जगहों पर पार्किंग के लिए जगह चिह्नित की गई है। साथ ही 9000 पटरी व्यवसायियों को व्यवस्थित करने के लिए नगर निगम उन्हें पहचान पत्र देकर जगह मुहैया कराएगा।

अवैध कालोनियां होंगी वैध

नगर निगम क्षेत्र में अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए जीडीए के सहयोग से विस्तृत योजना बनाई जाएगी। पार्षद अपने क्षेत्र की अवैध कालोनियों को लेकर सूचना देंगे। ऐसी कालोनियों को जीडीए के सहयोग से वैध घोषित कर विकसित किया जाएगा।

जुबां पर आया पार्षदों का दर्द

पार्षद जियाउल इस्लाम ने कहा कि अधिकारियों को फोन करने पर सिर्फ दो जुमला सुनने को मिलता है। पहला, डीएम के काम से बाहर हूं या मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर व्यवस्थ हूं। ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं थी। बेतियाहाता पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने कहा कि शासनादेश है कि व्यक्तिगत शौचालय के लिए लाभार्थियों को 20 हजार रुपये दिए जाएं। इसके बाद भी लाभार्थियों को सिर्फ आठ हजार रुपये दिया जा रहा है। पार्षद सौरभ विश्वकर्मा ने सड़क और नाली के मुद्दे को उठाया। देवेंद्र गौड़ पिंटू ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि हमने कौन सा पाप किया है कि वार्ड में विकास के काम ठप है। आलोक सिंह विशेन ने कहा कि इंजीनियर और ठेकेदार के विवाद के चलते पार्क के सुंदरीकरण का काम रुका हुआ है।

सफाई कर्मियों के पीएफ का मुद्दा उठा

राप्तीनगर के पार्षद बृजेश सिंह छोटू ने आउटसोर्सिंग के सफाई कर्मियों के पीएफ और बीमा की राशि का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई और मुरादाबाद के ठेकेदारों को बिना जांच के ही भुगतान किया जा रहा है। लेखाधिकारी ने सदन को जानकारी दी कि की मुंबई की एजेंसी को तीन महीने के लिए 2.23 करोड़ का भुगतान किया गया है। पीएफ के मद में 55 लाख और बीमा के मद में 14 लाख रुपये का भुगतान हुआ है। इसी क्रम में मुरादाबाद की एजेंसी को सफाई कर्मचारियों के भुगतान के मद में 2.59 करोड़, पीएफ के मद में 64 लाख और बीमा के मद में 16 लाख का भुगतान हुआ है। डीएम ने बताया कि आगे से नगर निगम ही आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों की पीएफ और बीमा का भुगतान करेगी।


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