Mock drill : अचानक बढ़ा नदी का जलस्तर, ऐसे बचाई सैकड़ाें लोगों की जान Gorakhpur News
बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों और मवेशियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सेना के साथ एनडीआरएफ एसडीआरएफ को लगाया गया। गोरखपुर में मॉक ड्रिल के लिए ऐसा सीन क्रिएट किया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। राप्ती के जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि से तीन गाव बाढ़ की चपेट में आ गए। बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों और मवेशियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सेना के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी को लगाया गया। लोगों को राहत शिविर में पहुंचाने के साथ ही वहा राहत सामग्री का वितरण वायु सेना के हेलिकाप्टर से कराया गया। इस दौरान राहत शिविर में आग लग गई, जिस पर फायर ब्रिगेड ने काबू पाया। बचाव में लगी नाव भी मझधार में पलट गई, लेकिन सभी लोगों को सकुशल बचा लिया गया। प्रशासन के साथ अन्य सभी विभागों के संबंधित अधिकारी लगातार बाढ़ग्रस्त इलाकों में दौरा कर वहा की सुविधाओं पर नजर रखे थे।
गुरुवार को गोरखपुर में हुए ये घटनाक्रम भले ही बनावटी थे लेकिन अधिकारियों से लेकर संबंधित कर्मचारियों और बचाव दल के जवानों की गतिविधि बिल्कुल असली थी। जिला प्रशासन और जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण की तरफ से गुरुवार को बाढ़ से बचाव की तैयारियों को लेकर राप्ती नदी के राजघाट पर अभ्यास सत्र का आयोजन किया गया। मेगा मॉक ड्रिल के इस कार्यक्रम में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
इंसीडेंट कमाडर जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने सभी विभागों की तरफ से स्टेजिंग एरिया में लगाए गए कैंप का निरीक्षण किया। इस दौरान वहा मॉक ड्रिल में रह गई कुछ कमियों को भी दर्शाते हुए इसे दुरुस्त करने के सुझाव दिए। इस पूरे अभियान में अपर जिलाधिकारी अधिकारी वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल, एडीएम प्रशासन, एडीएम सिटी सभी उपजिलाधिकारी, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के गौतम गुप्ता आदि का सहयोग रहा।
ऐसे हुई शुरूआत
सुबह सदर कंट्रोल रूम को बताया गया कि राप्ती नदी के जलस्तर में अचानक अत्यधिक वृद्धि होने से बाढ़ चौकी राजघाट, बहरामपुर के कई गांव पानी से घिर गए हैं। शेरगढ़ और अमरूतनी में पानी गांव में घुस गया है जिससे महिलाओं, बच्चों और मवेशी खतरे में पड़ गए हैं। कर्मचारियों ने प्लानिंग चीफ के साथ सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को फोन से सूचना दी।
प्लानिंग चीफ ने सभी विभागाध्यक्षों को आवश्यक संसाधनों के साथ मौके पर पहुंचने को कहा। आपरेशन चीफ ने बताया कि पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान राहत बचाव कार्य के लिए राजघाट के लिए निकल रहे हैं। बचाव दल के लिए शास्त्री चौक, बेतियाहाता, मेडिकल रोड को तत्काल खाली कराते हुए उन्हें ग्रीन कारीडोर दिया गया। प्लानिंग चीफ ने मौके पर पहुंचे सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के बारे में जानकारी ली। सभी संबंधित विभागों के कर्मचारी और अधिकारी स्टेजिंगएरिया में पहुंच गए।
बचाव कार्य शुरू
आपरेशन चीफ के निर्देश पर एनडीआरएफ के जवान नाव से शेरगढ़ औए एसडीआरएफ के लोग अमरुतानी पहुंचे। पीएसी को मवेशियों को बाहर निकलने की जिम्मेदारी दी गई। सभी ने अपना काम बखूबी किया। हालांकि इसी दौरान नदी में नाव भी पलट जाती जिसके बाद जवान सभी लोगों को यहा से बचाते हैं।
उन सभी लोगों को बस से बाढ़ राहत शिविर में पहुंचाया गया। शिविर में पहुंचे लोगों को लाजिस्टिक चीफ की निगरानी में ठहराया गया। इसी दौरान रावत पाठशाला में बने राहत शिविर में किसी ने जलती बीड़ी फेंक दी, जिससे वहां आग लग गई। दमकल विभाग ने इस पर काबू पाया।
कुछ लोगों के गांव में फंसने की सूचना पर इंसीडेंट कमाडर ने एयरफोर्स स्टेशन से बात कर उनकी मदद मागी। इसी के साथ उन्होंने लाजिस्टिक चीफ को निर्देश दिया कि राहत सामग्री तैयार कराई जाए। पता चला कि कुछ लोग मुक्तिधाम पर फंसे हैं। इंसीडेंट कमाडर ने तत्काल एयरफोर्स से वार्ता कर वहा फंसे लोगों को बाहर निकलवाया।
इस भूमिका में रहे
जिलाधिकारी गोरखपुर (इंसीडेंट कमांडर)
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व (प्लानिंग चीफ)
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (आपरेशन चीफ)
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण (स्टेजिंग एरिया इंचार्ज)
उपजिलाधिकारी सदर (लाजिस्टिक चीफ)