गोरखपुर में हो रहे अरबों रुपये के निर्माण कार्य, सभी की गुणवत्ता जांचेगा एमएमएमयूटी
जिले में 50 लाख रुपये से अधिक लागत वाली करीब 250 से अधिक परियोजनाएं चल रही हैं। प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम के जरिए विकास कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखी जाएगी। कुछ दिन पहले ही जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कुलपति प्रो. जेपी पांडेय से मुलाकात की है।
गोरखपुर, जेएनएन। मुरादनगर में अंत्येष्टि स्थल का छत गिरने की घटना के बाद निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया जा रहा है। जिला प्रशासन मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर जल्द ही निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए थर्ड पार्टी के रूप में अधिकृत करेगा। विश्वविद्यालय के लैब का प्रयोग भी मैटेरियल की गुणवत्ता जांचने के लिए हो सकेगा।
जिले में अरबों रुपये की निर्माण परियोजनाएं चल रही हैं। अलग-अलग विभाग थर्ड पार्टी से निगरानी कराने पर जोर दे रहा है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) एवं गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) राइट्स संस्था के जरिए निर्माण कार्यों पर निगरानी करा रहा है। जिले में 50 लाख रुपये से अधिक लागत वाली करीब 250 से अधिक परियोजनाएं चल रही हैं। इसके अतिरिक्त गांवों में सामुदायिक भवन, सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी हो रहा है। गांवों में सड़कों का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। विकास कार्यों की जांच प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जाती है लेकिन तकनीकी पक्ष जानने के लिए राज्य सरकार के ही इंजीनियरिंग विभागों से संपर्क करना पड़ता था। पर, अब थर्ड पार्टी से निगरानी कराने का फैसला किया गया है। प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम के जरिए विकास कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखी जाएगी। कुछ दिन पहले ही जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कुलपति प्रो. जेपी पांडेय से मुलाकात की है। मुलाकात में एमओयू पर हस्ताक्षर करने पर चर्चा हुई है।
समय-समय पर ली जाती है सलाह
अभी भी जिला प्रशासन समय-समय पर कुछ विकास कार्यों में एमएमएमयूटी के विशेषज्ञों की सलाह लेता रहता है। पर, एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद विश्वविद्यालय सभी योजनाओं की गुणवत्ता पर नजर रखेगा। विश्वविद्यालय के लैब का इस्तेमाल भी गुणवत्ता जांचने के लिए किया जाएगा। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि विकास कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एमएमएमयूटी से थर्ड पार्टी के रूप में सहयोग लेने की योजना है। विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा की गई है। जल्दी ही एमओयू पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।