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'नैक' में आवेदन करने वाला प्रदेश का पहला तकनीकी विवि बना एमएमएमयूटी Gorakhpur News

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन के लिए आवेदन कर दिया। इसके साथ ही ऐसा करने वाला वह प्रदेश का पहला तकनीकी विश्वविद्यालय बन गया है। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने समारोहपूर्वक नैक की साइट पर विश्वविद्यालय का डाटा अपलोड किया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 10:54 AM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 10:54 AM (IST)
'नैक' में आवेदन करने वाला प्रदेश का पहला तकनीकी विवि बना एमएमएमयूटी Gorakhpur News
नैक में आवेदन करने वाला एमएमएमयूटी प्रदेश का पहला तकनीकी विश्वविद्यालय बन गया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। छह महीने के अथक प्रयास के बाद मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन के लिए आवेदन कर दिया। इसके साथ ही ऐसा करने वाला वह प्रदेश का पहला तकनीकी विश्वविद्यालय बन गया है। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने समारोहपूर्वक नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) की साइट पर विश्वविद्यालय का डाटा अपलोड किया।

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कुलपति ने दो बनाई थी स्तरीय टीम समिति

अपनी तैयारी से संतुष्ट कुलपति को पूरी उम्मीद है कि उन्हें 'ए-प्लस' ग्रेड हासिल होगा। 'नैक' के मानक पर खरा उतरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन बीते छह महीने से तैयारी कर रहा था। इसके लिए कुलपति ने दो स्तरीय टीम समिति बनाई थी। पहली टीम डीन प्लान एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रो. गोविंद पांडेय के नेतृत्व में बनी थी, जिसका कार्य नैक मूल्यांकन के लिए हो रही तैयारी की मानिटर‍िंग करना और उसे अंतिम रूप देने था। इसके अलावा सात और समितियां बनाई गई थीं, जिनपर उन सात बिंदुओं के मानक पर डाटा इकट्ठा करने की जिम्मेदारी थी, जो नैक द्वारा निर्धारित हैं।

यह बिंदु हैं

अध्ययन, अध्यापन व मूल्यांकन, पाठ्यक्रम व सेलेबस, शोध, नवाचार व विस्तार गतिविधियां, अवस्थापना एवं सुविधाएं, ट्रेनिस व प्लसेमेंट, प्रशासनिक व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, नेतृत्व व प्रबंधक और संस्थागत मूल्य एवं परंपराएं।

हर व‍िभाग से नोडल अध‍िकारी

हर विभाग से एक नोडल अधिकारी नामित किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी विभाग के किसी एक शिक्षक को दी गई थी। नोडल अधिकारियों को अपने-अपने विभाग से जुड़ा डाटा बिंदुओं के लिए निर्धारित समिति को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था, जिसे उन्होंने बखूबी निर्धारित समय पर उपलब्ध करा दिया। अब अगली प्रक्रिया सेल्फ अप्रेजल की है। उसके बाद नैक की टीम बहुत विश्वविद्यालय परिसर में आएगी और अपलोड किए डाटा का भौतिक सत्यापन करेगी, जिसके आधार पर ग्रेड का निर्धारण होगा।

विश्वविद्यालय की व्यवस्था नैक के मानक के अनुकूल है। पाठ्यक्रम से लेकर संसाधन तक अपग्रेड हैं। ऐसे में बेहतर ग्रेड मिलने की पूरी उम्मीद है। सेल्फ अप्रेजल के बाद भौतिक सत्यापन के लिए नैक की टीम के आने का इंतजार रहेगा। खुशी इस बात की है हमारा विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला तकनीकी विश्वविद्यालय बन गया है, जिसने नैक मूल्यांकन के लिए आवेदन किया है। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एमएमएमयूटी।


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