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मिर्जा गालिब हैं असद, रेलवे कह रहा मीर तकी मीर हैं

खाता न बही रेलवे के विद्वानों ने जो कह दिया वही सही। यह कहावत रेलवे में चर्चा का विषय बना हुआ है। रेलवे के जानकारों ने इतिहास और भूगोल को ही पलट दिया है। मिर्जा गालिब के उपनाम असद को बदलकर मीर तकी मीर कर दिया है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 04:52 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 05:50 PM (IST)
मिर्जा गालिब हैं असद, रेलवे कह रहा मीर तकी मीर हैं
मिर्जा गालिब हैं असद, रेलवे कह रहा मीर तकी मीर हैं। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। खाता न बही, रेलवे के विद्वानों ने जो कह दिया वही सही। यह कहावत रेलवे में चर्चा का विषय बना हुआ है। रेलवे के जानकारों ने इतिहास और भूगोल को ही पलट दिया है। मिर्जा गालिब उर्फ मिर्जा असदुल्लाह बेग खान के उपनाम असद को बदलकर मीर तकी मीर व सूर्य से पृथ्वी की दूरी 145 करोड़ कर दिया है। सही उत्तर की जानकारी देने के बाद भी रेलवे यह मानने को तैयार नहीं है। उनकी गलती का खामियाजा रेलवे स्कूल के प्राथमिक शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। 25 जून 2021 को आयोजित विभागीय पदोन्नति परीक्षा में सही उत्तर देने के बाद भी उनका नंबर 60 फीसद से कम आया है। इसके चलते रेलवे प्रशासन ने पदोन्नति रोक दी है।

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सही उत्‍तर देने के बाद भी नहीं मिला नंबर

अब शिक्षक विभागों का चक्कर लगा रहे हैं। महाप्रबंधक से भी गुहार लगा चुके हैं। वे साक्ष्य के साथ संबंधित अधिकारियों को बता रहे हैं कि परीक्षा में कुछ सवाल गलत थे। उन्होंने कई सवालों के उत्तर सही दिए थे, लेकिन मूल्यांकनकर्ता ने उसे गलत कर दिया है। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। अब तो कार्मिक विभाग ने 50 रिक्त पदों सापेक्ष 17 पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर परीक्षा प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जबकि, अभी भी 33 पद खाली हैं।

रेलवे पर ऐतिहासिक तथ्‍यों से छेड़छाड़ का आरोप

शिक्षक भी हार मानने वाले नहीं हैं। अब रेलवे बोर्ड और कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। वे रेलवे प्रशासन पर जानबूझकर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर शिक्षकों की पदोन्नति रोकने का आरोप लगाया है। उनक कहना है कि भला हो सूचना का अधिकार (आरटीआइ) का। अच्छा पेपर होने के बाद भी जब अच्छे अंक नहीं मिले तो उन्होंने आरटीआइ को ही हथियार बनाया। अब सच सामने आ गया है। इसके बाद भी संबंधित अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महामंत्री केएल गुप्त ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि अगर गलती हुई है तो रेलवे प्रशासन यथाशीघ्र सुधार कर कार्रवाई सुनिश्चित करें। अन्यथा वे रेलवे बोर्ड का दरवाजा खटखटाएंगे।

परीक्षा में पूछे गए कुछ सवाल

प्रश्न - किस कवि ने उर्दू में अपनी गजल में असद नाम प्रयुक्त किया है।

सही उत्तर - मिर्जा गालिब, जबकि परीक्षक ने मीर तकी मीर बताया है।

प्रश्न : दंदेली वन्यजीव अभयारण्य किस राज्य में है।

उत्तर - सही उत्तर कर्नाटक, जबकि परीक्षक ने उड़ीसा बताया है।

प्रश्न - सूर्य से पृथ्वी की दूरी कितने किमी है।

उत्तर : रेलवे के अनुसार 145 करोड़, जबकि चारों विकल्प गलत थे।

(यह तो सिर्फ उदाहरण हैं, अधिकतर सवाल और जवाब इसी तरह है)


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