कश्मीर में आतंकी हमले मेें गोरखपुर का लाल शहीद, सेना के विमान से आज आएगा शव
कश्मीर में आतंकियों के हमले में शहीद हुए गोरखपुर के नवीन कुमार सिंह मूल रुप से खजनी के भगवानपुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता जयप्रकाश सिंह सेना से वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हुए। नवीन वर्ष 2015 में नवीन सेना के 9 आरआर कोर में भर्ती हुए थे।
गोरखपुर, जेएनएन। आतंकी हमले में शाहपुर के दरगहिया मौर्या टोला निवासी सेना के जवान नवीन कुमार सिंह सोमवार को शहीद हो गए। सेना के अधिकारियों के जानकारी देने पर नवीन के घर कोहराम मच गया। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे नवीन की अभी शादी नहीं हुई थी।
शाहपुर के दरगहिया में रहता है परिवार, नवीन की नहीं हुई थी शादी
नवीन कुमार सिंह मूल रुप से खजनी के भगवानपुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता जयप्रकाश सिंह सेना से वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हुए। जिसके बाद नंदानगर के दरगहिया में मकान बनवाकर परिवार के साथ रहते हैं।वर्ष 2015 में नवीन सेना के 9 आरआर कोर में भर्ती हुए थे। स्वजन ने बताया कि इस समय वह दक्षिणी कश्मीर के कुलग्राम में तैनात थे। किसी काम से श्रीनगर आए थे, जहां आतंकी हमले में शहीद हो गए। बेटे के शहीद होने की खबर सुनने के बाद मां उषा सिंह व दादी शकुंतला देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। जयप्रकाश के चार संतानों में सबसे बड़ी दो बेटियों की शादी हो चुकी है। नवीन से बड़े विकास लखनऊ में प्रापर्टी डीलिंग करते हैं।
सेना के विमान से आएगा पार्थिव शरीर
भगवानपुर गांव के प्रधान शैलेंद्र सिंह ने बताया कि नवीन सिंह बहुत ही मिलनसार थे। उनके शहीद होने पर पूरे गांव को फक्र है। सेना के विमान से बुधवार को उनका पार्थिव शरीर गोरखपुर आएगा। जिसे गांव लाया जाएगा। सेना के अधिकारियों से बातचीत चल रही है।
चार भाई-बहनों में छोटे थे नवीन, घर में मचा कोहराम
श्रीनगर में तैनात शाहपुर के दरगहिया मौर्या टोला निवासी सेना के जवान नवीन कुमार सिंह सोमवार को श्रीनगर के बादामीबाग सैन्य छावनी में खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली।वह दो भाइयों में छोटे थे। मंगलवर को सेना के अधिकारियों ने स्वजन को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद परिवार व मोहल्ले वालों की आंखे नम हो गयी।
पिता भी थे सेना में
नवीन मूल रुप से खजनी के भगवानपुर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता जयप्रकाश सिंह सेना से वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हुए थे। जिसके बाद नंदानगर के दरगहिया में मकान बनवाकर परिवार के साथ रहते हैं। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे नवीन शादी नहीं हुई थी। वर्ष 2015 में वह सेना के 9 आरआर कोर में भर्ती हुए थे।
स्वजन ने बताया कि इस समय वह दक्षिणी काश्मीर के कुलग्राम में तैनात थे। किसी काम से श्रीनगर आए थे। बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद मां उषा सिंह व दादी शकुंतला देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। जयप्रकाश के चार संतानों में सबसे बड़ी दो बेटियों की शादी हो चुकी है। नवीन से बड़े विकास लखनऊ में प्रापर्टी डीलिंग करते हैं, उनकी भी शादी नही हुई है। जवान का पार्थिव शरीर बुधवार को घर पहुंचने की संभावना है।