पहले दिन ताजा सब्जी व दूध को तरसे लोग Gorakhpur News
प्रशासन की गाइडलाइन के बावजूद दूध और सब्जियां घरों की पहुंच से दूर रहीं। दवा की दुकानों के अलावा सिर्फ कुछ ग्रॉसरी स्टोर खुले रहे जहां से इक्का-दुक्का ऑनलाइन डिलेवरी होती रही।
गोरखपुर, जेएनएन। शहरी हल्के में लॉकडाउन का खासा असर देखने को मिला। पुलिस और प्रशासन की सख्ती के दरम्यान गली-मोहल्ले की किराना दुकानें बंद रहीं। वहीं ताजी सब्जी व दूध के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ा। प्रशासन की गाइडलाइन के बावजूद दूध और सब्जियां घरों की पहुंच से दूर रहीं। दवा की दुकानों के अलावा सिर्फ कुछ ग्रॉसरी स्टोर खुले रहे, जहां से इक्का-दुक्का ऑनलाइन डिलेवरी होती रही।
पहले आसानी से मिल जाया करते थे सामान
इससे पहले हुए लॉकडाउन में लोगों को राशन, दूध और सब्जियां आसानी से उपलब्ध हो जाती थी। इसकी वजह यह थी कि किराना की दुकानें खोलने पर किसी तरह की रोक नहीं थी और सब्जी विक्रेता भी ठेला लेकर घर-घर पहुंचते थे, लेकिन शनिवार को पहले जैसा नजारा नजर नहीं आया। 22 मार्च को भी शहर में इसी तरह की बंदी दिखी थी। गोरखनाथ से लेकर बरदगवा, रसूलपुर से सूरजकुंड, इलाहीबाग, मिर्जापुर होते हुए लाल डिग्गी चौराहा, असुरन से बिछिया और पांडेयहाता से लेकर रुस्तमपुर तक किराना की एक भी दुकानें नहीं खुली थी। जिन लोगों की दुकानें घर में थी उन्होंने भी दुकान बंद रखी थी।
सबसे ज्यादा परेशानी पान, गुटखा और सिगरेट के तलबगारों को
किसी-किसी मोहल्ले में सब्जी का ठेला नजर आ रहा था। दुकानें न खुलने की वजह से चाय, पान, गुटखा और सिगरेट के तलबगार भी परेशान नजर आए। सूरजकुंड निवासी परशुराम श्रीवास्तव ने बताया कि उम्मीद नहीं थी कि लॉकडाउन के चलते दूध व ब्रेड जैसी जरूरी चीज भी नहीं मिल पाएगी। पहले की तरह कुछ किराना की दुकानें खुलनी चाहिए थी। गोरखनाथ निवासी सुषमा वर्मा के मुताबिक बासी सब्जी दोगुने दाम पर खरीदनी पड़े। दो सब्जी वाले मोहल्ले में आए थे, लेकिन किसी के पास ताजी सब्जी नहीं थी।