मेडिकल कालेज के डाक्टर की मौत के बाद दो दर्जन जूनियर डाक्टरों का सामूहिक इस्तीफ़ा
डाक्टरों का आरोप है कि प्राचार्य ने दो दिन पहले़ डा. मणि प्रकाश सिंह को डांट-फटकार लगाई थी। सीनियर रेज़ीडेंट रामदिवाकर भी मौजूद थे। इससे तनाव में आकर डा. मणि ने आत्महत्या कर ली। उनके निधन पर दो मिनट का मौन रखा उसके बाद इस्तीफा दे दिया।
बस्ती, जेएनएन। महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज के जूनियर रेजिडेंट (जेआर) डा. मणिप्रकाश सिंह की मौत के मामले में सोमवार को 26 जूनियर डाक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्राचार्य पर आरोप लगाया है कि उनकी अधिक डांट फटकार के कारण ही डा. मणि ने आत्महत्या की है। इन डाक्टरों की नियुक्ति जेआर के तौर पर अलग-अलग विभागों में अस्थायी रूप से की गई थी।
प्राचार्य पर आरोप, डांट फटकार के कारण डाक्टर ने की आत्महत्या
कोरोना संक्रमण काल के दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के अन्य मेडिकल कालेजों में इंटर्नशिप कर रहे डाक्टरों की नियुक्ति का आदेश दिया था। डाक्टरों का आरोप है कि प्राचार्य ने दो दिन पहले़ डा. मणि प्रकाश सिंह को डांट-फटकार लगाई थी। सीनियर रेज़ीडेंट रामदिवाकर भी मौजूद थे। इससे तनाव में आकर डा. मणि ने आत्महत्या कर ली। साथी चिकित्सकों ने सोमवार की सुबह डा. मणि के निधन पर दो मिनट का मौन रखा और मेडिकल कालेज प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया।
तीन माह से नहीं मिला वेतन
डाक्टरों का यह भी आरोप है कि उन्हें तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है। कोविड के दौर में बिना छुट्टी ड्यूटी कर रहे हैं। फिर भी प्राचार्य टर्मिनेट करने की धमकी देते हैं। गाली-गलौज करते हैं। जूनियर रेजीडेंट डा. रतिप्रकाश, डा. सत्यप्रकाश, डा प्रशांत त्रिपाठी, डा. कमलेश चौहान, डा. गुलाम, डा. आतिफ मलिक, डा. अतुल कुमार, डा. राजेश कुमार सिंह, डा. पुनीत पाण्डेय, डा. राजेश कुमार सिंह, डा. दीपक, डा. अजय चौधरी, डा. पुष्कर त्रिपाठी, डा. यूसुफ़, डा. कीर्ति पटेल, डा. प्रीति, डा. हेमा, डा. रहमान डा. अनूप चक्रवर्ती, डा. मनोज सिंह, डा. अजय राज रंजन, डा. विवेक पटेल अनुपम, डा. संजू व डा. गोविंद गुप्ता आदि का कहना है कि उन्होंने अपना इस्तीफा प्राचार्य को भेज दिया है।
प्राचार्य ने कहा-किसी ने नही दिया इस्तीफा
वहीं, मेडिकल कालेज के प्राचार्य नवनीत कुमार का कहना है कि स्थिति सामान्य है। रविवार को एक मेडिकल रेजीडेंट की मौत हो गई थी, इसलिए सोमवार को कंडोलेंस रखा गया था। किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है।