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Coronavirus : गोरखपुर जेल में बंदियों ने संभाला मोर्चा, तैयार कर रहे मॉस्क Gorakhpur News

कोरोना से बचाव के लिए जेल के बंदियों को मॉस्क मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। मास्‍क को बनाने का जिम्मा जेल प्रशासन ने सिलाई करने वाले बंदियों को सौंपा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 10:04 AM (IST)
Coronavirus : गोरखपुर जेल में बंदियों ने संभाला मोर्चा, तैयार कर रहे मॉस्क Gorakhpur News
Coronavirus : गोरखपुर जेल में बंदियों ने संभाला मोर्चा, तैयार कर रहे मॉस्क Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। क्षमता से दोगुने बंदी होने के कारण जिला कारागार में कोरोना का खौफ ज्यादा है। जेल प्रशासन भी इससे वाकिफ है। बचाव के लिए प्रत्येक बंदी को मॉस्क मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। जिसे बनाने का जिम्मा जेल प्रशासन ने सिलाई करने वाले बंदियों को सौंपा है।

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जेल प्रशासन ने कैरी बैग में इस्तेमाल होने वाला कपड़ा सिलाई करने वाले बंदियों को उपलब्ध कराया है। इससे मॉस्क बनाकर बंदियों में बांटे जाएंगे। इसके अलावा कोरोना वायरस से बचाव के लिए चिकित्सक बंदियों को जागरूक कर रहे हैं। बंदियों को बैरक में कुछ दूरी पर लेटने, बैठने की भी सलाह दी जा रही है।

10 बीमार बंदियों को भेजा गया अस्तपाल

जिला कारागार के अंदर कई जगह जागरूकता पंफलेट चस्पा कराए गए हैं। बंदियों के परिजनों से बहुत ज्यादा जरूरी काम होने पर ही मुलाकात की सलाह दी जा रही है। इस बीच 10 बीमार बंदियों को जेल के अस्पताल भेज दिया गया है।

जेल में है 1719 बंदी

गोरखपुर जेल में कुल 1719 बंदी हैं। जिसमें 150 सजायाफ्ता, 90 महिला और चार विदेशी हैं। विदेशी बंदियों में एक पाकिस्तानी आतंकवादी, एक जर्मनी और दो नाइजीरिया के रहने वाले हैं।

पेशी पर जाने वाले बंदियों का चेकअप कराया जा रहा है। इसके अलावा जो व्यक्ति मुलाकात करने जेल में पहुंच रहे हैं, उन्हें बंदियों से करीब दो मीटर दूरी पर रोका जा रहा है। निगरानी के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स भी गठित की गई है।  - डॉ. रामधनी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक।

शिफ्ट हुई सुपर स्पेशलिटी की ओपीडी

बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में कोरोना के मद्देनजर बना आइसोलेशन वार्ड सुपर स्पेशलिटी में स्थानांतरित होगा। इसके लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) को भवन के दक्षिणी हिस्से में शिफ्ट कर दिया गया। सुपर स्पेशलिटी ओपीडी में छह केबिन का आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। प्रत्येक केबिन शौचालय युक्त है। सभी केबिनों में एक बेड व वेंटीलेटर की व्यवस्था की जाएगी। उन्हें पूरी तरह संक्रमण मुक्त किया जाएगा।

कोरोना से लडऩे को स्वास्थ्यकर्मी पूरी तरह तैयार

कोरोना से लडऩे को सिर्फ आइसोलेशन वार्ड ही नहीं बने हैं बल्कि स्वास्थ्यकर्मी भी पूरे मन से तैयार हैं। उनका कहना है कि नर्सिंग का पेशा ही सेवा का है। हम डर जाएंगे तो मरीजों की सेवा कौन करेगा। जिला अस्पताल, बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज व रेलवे अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड सभी चिकित्सकीय सुविधाओं से सुसज्जित कर दिए गए हैं। जिला अस्पताल में 23 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। कैंसर वार्ड में पांच बेड हैं जिसमें तीन पर वेंटीलेटर लगे हैं। उसी के बगल में स्पेशल वार्ड में 18 बेड हैं। तीन डॉक्टर, 16 स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया है। मेडिकल कॉलेज में 20 बेड के वार्ड में 10 डॉक्टर, 13 स्टॉफ नर्स, पांच वार्ड ब्वाय व दो सफाईकर्मी तैनात किए गए हैं। रेलवे अस्पताल में 10 बेड के वार्ड में दो डॉक्टर व 14 स्वास्थ्यकर्मी तैनात हैं। हर जगह मास्क, किट, सैनिटाइजर व हैंडवॉश सहित सभी चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हैं।

मेडिकल कॉलेज में चल रही जांच की तैयारी

कोरोना की जांच की व्यवस्था अभी गोरखपुर में नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए लैब स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि लैब क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र में स्थापित की जाएगी। जब तक वहां लैब स्थापित नहीं होती है, तब तक मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जांच की व्यवस्था की जा रही है। हमारे पास उपकरण मौजूद हैं, केवल जांच किट की जरूरत है। इसके लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआइवी), पुणे के निदेशक से बात की गई है। उन्होंने शीघ्र ही जांच किट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।


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