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Manish Gupta Murder case: रामगढ़ताल थाने के तीन पुलिसकर्मियों से हुई छह घंटे पूछताछ

कानपुर के रहने वाले कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ ने 13 नवंबर को सुबह होटल कृष्णा पैलेस पहुंचकर जांच पड़ताल की। जरूरी दस्तावेज अपने कब्जे में लिए और कर्मचारियों से घटना के बार में पूछा।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 08:01 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 09:54 AM (IST)
Manish Gupta Murder case:  रामगढ़ताल थाने के तीन पुलिसकर्मियों से हुई छह घंटे पूछताछ
मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड की जांच कर रही सीबीआइ ने छह घंटे तक तीन पुलिसकर्मियों से की पूछताछ। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर के रहने वाले कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ ने 13 नवंबर को सुबह होटल कृष्णा पैलेस पहुंचकर जांच पड़ताल की। जरूरी दस्तावेज अपने कब्जे में लिए और कर्मचारियों से घटना के बार में पूछा। सीबीआइ कमरा नंबर कमरा नंबर 512 तक गई लेकिन ताला नहीं खुलवाया। वहां से निकलने के बाद टीम रामगढ़ताल थाने पहुंची वहां से फाइल लेकर एनक्सी भवन लौट आई। यहां पर रामगढ़ताल थाने के कंप्यूटर आपरेटर समेत तीन पुलिसकर्मियों से छह घंटे तक पूछताछ कर, घटना के संबंध में जानकारी ली।

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होटल मालिक व कर्मचारियों से ली घटना की जानकारी

13 नवंबर को सुबह 11.30 बजे सीबीबाइ के इंस्पेक्टर सर्किट हाउस से निकले।तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस पहुंचने के बाद वहां 20 मिनट तक रहकर होटल मालिक सुभाष शुक्ल व कर्मचारियों से मनीष के ठहरने से लेकर मौत के वक्त तक क्या क्या हुआ, इस बारे में बातचीत की। घटना के समय होटल में कौन मौजूद था इसकी जानकारी के साथ ही घटना से जुड़े दस्तावेज लेकर निकल गए।दोपहर में दो बजे रामगढ़ताल थाने का कंप्यूटर आपरेटर दीपक कुमार सिंह सहित तीन पुलिसकर्मी एनक्सी भवन पहुंचे।सबसे पहले दीपक कुमार सिंह को सीबीआइ ने पूछताछ के लिए बुलाया था।उनसे घंटों पूछताछ चली उसके बाद दो अन्य पुलिस कर्मियों को बुलाकर सीबीआइ ने घटना की जानकारी ली। तीनों पुलिसकर्मियों से शाम सात बजे तक पूछताछ चली। 14 नवंबर को सीबीआइ मनीष गुप्ता के गवाह चंदन सैनी उसके दोस्त राणा प्रताप चंद और धनंजय तिवारी से पूछताछ करेगी।

आपरेटर से ही जेएन सिंह ने लिखवाई थी जीडी

सीबीआइ ने शनिवार को रामगढ़ताल थाने के पुलिसकर्मियों से पूछताछ शुरू की।इसकी शुरुआत आपरेटर दीपक कुमार सिंह से हुई।घटना के बाद जेएन सिंह ने दीपक से ही जीडी लिखवाई थी।यही नहीं मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर एफआइआर भी दीपक ने ही कंप्यूटर में दर्ज की थी।

होटल के मैनेजर, गार्ड व कर्मचारी से होगी पूछताछ

सीबीआइ की टीम ने होटल मालिक से पूछा कि 27 सितंबर की रात में ड्यूटी पर कौन-कौन था।उनका नाम, पता व मोबाइल नंबर बताइए।होटल मालिक ने रिसेप्शन पर मौजूद कर्मचारी, गार्ड व कमरे में सो रहे मैनेजर का नाम बताया।इन लोगों को सीबीआइ एनक्सी भवन में बुलाकर मनीष गुप्ता के होटल में ठहरने से लेकर पुलिस की चेकिंग और पिटाई तथा मौत तक की पूरी कहानी को जानेगी।

दो पुलिसवालों की निगरानी में है कमरा नम्बर 512

मनीष गुप्ता की पिटाई जिस कमरे में हुई थी होटल का वह कमरा नम्बर 512 घटना के बाद से ही 24 घंटे पुलिस की निगरानी में रहता है। कमरे के बाहर दो पुलिसवालों की डियूटी रहती है। कमरे में मौजूद सबूतों से किसी तरह की छेड़छाड़ न हो इसके लिए एसआईटी की फोरेंसिक जांच के बाद से ही यहां पुलिसवाले लगाए गए हैं। फिलहाल सीबीआई ने अभी कमरा नहीं खुलवाया है।

आरोपितों को तिहाड़ जेल ले जाएगी सीबीआइ

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मनीष गुप्ता हत्याकांड का ट्रायल दिल्ली में चलेगा।इसके लिए सीबीआइ उन्हें तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है।इसकी खबर लगते ही जिला कारागार में निरुद्ध आरोपित पुलिसवालों की बेचैनी बढ़ गई है।


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