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मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड : सीबीआइ की टीम पहुंची गोरखपुर, 15 को है पुलिस वालों की पेशी

कानपुर के कानपुर कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी सीबीआइ की टीम 12 दिसंबर को तीसरी बार गोरखपुर पहुंची। 13 दिसंबर को टीम इस मामले में बचे हुए लोगों से पूछताछ कर सकती है। 15 दिसंबर को हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की न्यायालय में पेशी है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 12:28 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 05:33 PM (IST)
मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड : सीबीआइ की टीम पहुंची गोरखपुर, 15 को है पुलिस वालों की पेशी
सीबीआइ की टीम पहुंची गोरखपुर, 15 को है पुलिस वालों की पेशी। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर के कानपुर कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी सीबीआइ की टीम 12 दिसंबर को तीसरी बार गोरखपुर पहुंची। 13 दिसंबर को टीम इस मामले में बचे हुए लोगों से पूछताछ कर सकती है। 15 दिसंबर को हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की न्यायालय में पेशी है। इससे पहले सीबीआइ की टीम ने न्यायालय से अनुमति लेकर सभी आरोपितों का जेल में बयान दर्ज किया था।

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आरोपितों की न्‍यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करेगी सीबीआइ

सीबीआइ टीम के दो सदस्य 12 दिसंबर की शाम लखनऊ से गोरखपुर पहुंचे। इससे पहले चार सदस्यीय टीम गोरखपुर आई थी और उसने मनीष गुप्ता हत्याकांड के गवाहों से पूछताछ की थी। जेल में बंद हत्यारोपित निलंबित इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, कमलेश यादव व आरक्षी प्रशांत दो दिन में आठ घंटे पूछताछ हुई थी। समझा जा रहा है कि इस बार भी सीबीआइ न्यायालय में अर्जी देकर आरोपितों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध कर सकती है। कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल होने तक आरोपितों को गोरखपुर जेल में ही रखा जाएगा।दिल्ली की सीबीआइ कोर्ट में ट्रायल शुरु होने पर आरोपितों को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जा सकता है।

एक नजर में घटनाक्रम

कानपुर के व्‍यवसायी मनीष गुप्‍ता, दो दोस्‍तों के साथ गोरखपुर घूमने आए थे। 27 सितम्बर की रात वह रामगढ़ ताल इलाके के कृष्‍णा पैलेसे होटल में रुके थे। रात में तलाशी लेने पहुंचे पुलिस वालों की पिटाई से मनीष गुप्ता की पिटाई से मौत हो गई थी। मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर रामगढ़ताल थाने में होटल में चेकिंग करने गए तत्कालीन थानेदार रहे जेएन सिंह समेत छह पुलिसवालों पर हत्या का केस दर्ज हुआ। पीडि़त परिवार की इच्छानुसार प्रदेश सरकार ने केस की जांच एसआइटी कानपुर को सौंप दी थी। बाद में परिवार की मांग पर सरकार ने सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश भी कर दी। दो नवंबर को सीबीआइ ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरु की। 11 नवंबर को सीबीआइ टीम पहली बार गोरखपुर पहुंची। दूसरी बार 28 नवंबर और तीसरी बार रविवार को गोरखपुर पहुंची।


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