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तबाही व आश्वासन के बीच फंसे महदेवा के लोग

कुशीनगर में नारायणी नदी का कहर तेज हो गया है आबादी के करीब पहुंची नदी ग्रामीणों की नींद उड़ा रही है महादेवा खास गांव के लोग अब पूरी तरह से उजड़ने के कगार पर पहुंच गए हैं जबकि बाढ़ खंड विभाग के कर्मचारी बंबू क्रेट मिट्टी भरी बोरियों से कटान रोक रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 Aug 2021 09:00 AM (IST)
तबाही व आश्वासन के बीच फंसे महदेवा के लोग
तबाही व आश्वासन के बीच फंसे महदेवा के लोग

कुशीनगर : खड्डा ब्लाक के नारायणी नदी उस पार के गांव महदेवा खास टोला के ग्रामीण तबाही और आश्वासन के बीच फंसे हैं। कटान करती नदी आबादी के करीब पहुंच गई है। बाढ़ खंड की ओर से कराए जा रहे बचाव कार्य से कटान रुक नहीं रही है। विभाग के अधिकारी ग्रामीणों को आश्वासन की घुट्टी पिला रहे हैं।

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गांव के सुरेंद्र कुशवाहा, महातम, गुगल गुप्ता, रामायन गुप्ता, सिधू देवी, फूलपति देवी आदि ने कहा कि बीते साल भी बाढ़ के दौरान नदी के किनारे के सैकड़ों एकड़ खेत फसल समेत नदी में विलीन हो गए थे। इस साल 15 जून को नारायणी उफनाई तो दियारा के एक दर्जन गांवों में पानी घुस गया था। एक सप्ताह बाद बाढ़ का पानी गांव से उतरा तो कटान शुरू हो गई। तभी से कटान रोकने की मांग अधिकारियों से की जा रही थी। जबकि अधिकारियों ने कई बार कटान स्थल का दौरा किया। धीरे-धीरे फसल समेत खेतों को काटती हुई नदी आबादी के करीब पहुंच गई है। अब तक गन्ना, धान व केले की फसल समेत 250 एकड़ खेत नदी लील चुकी है। महदेवा खास टोला में 80 घर की आबादी है। नदी व आबादी के बीच केवल 10 मीटर का फासला ही रह गया है। गुरुवार की रात कटान स्थल पर ग्रामीणों के साथ विधायक जटाशंकर जमे रहे। विधायक को मनाने एसडीएम अरविद कुमार पहुंचे, लेकिन वह कटान स्थल पर ही जमे रहे। शुक्रवार की सुबह विधायक ने दूरभाष पर सीएम योगी आदित्यनाथ से बात कर महदेवा गांव को बचाने की मांग की थी। सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने बाढ़ खंड के अधिकारियों को कटान रोकने का आदेश दिया। दोपहर में पहुंचे अधीक्षण अभियंता केके राव कटान का जायजा लेने के बाद बचाव कार्य में तेजी लाने की बात कही थी। विधायक के सुझाव पर अधीक्षण अभियंता ने पड़ोसी प्रांत बिहार के बेतिया मंडल के अधिकारियों के साथ बैठक की। इधर दो दिनों से मूसलधार बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जैसे ही पानी कम होगा, कटान तेज हो जाएगी। जब तक लोहे की जाली में बांधकर बोल्डर नहीं डाला जाएगा, कटान से निजात नहीं मिलेगी। बंबू क्रेट और मिट्टी भरी बोरियों पर खर्च किया जा रहा पैसा पानी में बह जा रहा है।

एसडीओ बाढ़ खंड मनोरंजन राव ने बताया कि कटान को रोकने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। बंबू क्रेट लगाने से कटान की गति कम हुई है। स्थाई समाधान के लिए उच्चाधिकारी मंथन कर रहे हैं।


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