नवजात को खो दिया पर कोरोना से जंग में अदा करती फर्ज Gorakhpur News
कोरोना से जंग में फर्ज अदायगी से पीछे नहीं हटीं। कोख में पल रहे संतान व खुद की सेहत का ख्याल रखते हुए वह अपनी ड्यूटी निभाती रहीं। यहां तक कि प्रसव के एक दिन पूर्व तक उन्होंने क्षेत्र में ड्यूटी पूरी की।
महेंद्र कुमार त्रिपाठी, गोरखपुर : कोरोना से जंग में फर्ज अदायगी से पीछे नहीं हटीं। कोख में पल रहे संतान व खुद की सेहत का ख्याल रखते हुए वह अपनी ड्यूटी निभाती रहीं। यहां तक कि प्रसव के एक दिन पूर्व तक उन्होंने क्षेत्र में ड्यूटी पूरी की। प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन के सहयोग से एक निजी अस्पताल में भर्ती हुईं, जहां शिशु को जन्म दिया, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि कुछ दिन बाद ही नवजात की मौत हो गई। उसके बाद भी हिम्मत नहीं हारीं। कोरोना संक्रमण काल के बीच लोगों की सेवा कर रही हैं।
गर्भावस्था के दौरान लगातार ड्यूटी की
साहस की यह दास्तां पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रामपुर कारखाना विकास खंड में तैनात महिला ग्राम पंचायत अधिकारी शीलू साहनी की है। शहर के भुजौली कालोनी निवासी शीलू वर्ष 2017 में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर तैनात हुईं। वर्तमान में वह रामपुर कारखाना ब्लाक में कार्यरत हैं। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के चरम काल में गर्भावस्था के दौरान उन्होंने लगातर ड्यूटी की। लोगों की सेवा व काम के प्रति सर्मपण के लिए चलते नीलू ने अवकाश का आवेदन तक नहीं दिया। पिछले वर्ष लाकडाउन में एक दिन भी अवकाश नहीं लिया, जो भी जिम्मेदारी मिली। उसे पूरा किया। लाकडाउन के बाद अनलाक-1 में भी वह अपना फर्ज निभाती रहीं। स्वच्छ भारत योजना, मनरेगा, राशन वितरण आदि में ड्यूटी की। उनके हौसले की सबकी जुंबा पर चर्चा है।
नवजात को लेकर करती रहीं सेवा भाव
शीलू साहनी पिछले वर्ष जून के दूसरे सप्ताह में अस्पताल में भर्ती हुईं। इस दौरान बेटा पैदा हुआ। इसके कुछ दिन नवजात को लेकर फिर सेवा भाव से सरकारी नौकरी के साथ प्रवासी मजदूरों के गांव आती जाती रहीं। दुर्भाग्यवश नवजात की जुलाई में मौत हो गई। इससे उनको गहरा आघात पहुंचा। उनके मन में यही संतोष है कि तमाम लोग कोरोना से हमेशा के लिए चले गए। हमें उनके बारे में भी सोचना है। शीलू को कई संस्थाओं सरस फाउंडेशन, आजाद हिंद सेना वाहिनी, जनपद व्यापार मंडल ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया है।
प्रवासी कामगारों की मदद में बढ़ाए हाथ
कोरोना काल में प्रवासी कामगारों को मनरेगा से काम दिलाने के लिए विभागीय स्तर पर काम किया। बाहर से आए प्रवासी मजदूरों के घर जाकर उनका हाल जाना और जरूरत के सामान भी अपने व विभागीय स्तर से मदद कराई। क्वारंटाइन वार्ड में लगातार दौरा करती रहीं। कोरोना की चिंता नहीं की।यह काम निरंतर जारी है। इस वक्त गांव में लोगों को कोरोना के प्रति सतर्क कर मास्क आदि का वितरण व साफ- सफाई को लेकर जागरूक भी कर रही हैं। जो लोग सरकारी शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, उनको खेत में जाने के नुकसान के बारे में वैज्ञानिक तरीके से जानकारी दे रही हैं। इसके अलावा जिनके शौचालय नहीं बन पाए हैं, उनको जल्द शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
कोरोना जांच के लिए भेज रहीं अस्पताल, कर रहीं जागरूक:
शीलू के पास सात गांवों के विकास की जिम्मेदारी है, जिसमें सिरसिया, सिधुआ, किशुनपाली, हिरंदापुर, पिपराइच, विशुनपुर चिरकिहवा, मेहरौना शामिल हैं। उन्हें कोरोना से संक्रमित होने की चिंता नहीं है। गांव में बाहर से आने वाले प्रवासी कामगारों के बारे में नजर रख रहीं हैं। उनके जिस गांव में कोई बीमार हो रहा है या सर्दी जुकाम का लक्षण है, उन लोगों की कोरोना सैंपल लेने के लिए नजदीक के अस्पताल में भेज रही हैं। जरुरतमंदों को साधन भी मुहैया कराती हैं।
शीलू के जज्बे को सलाम कर रहा विभाग
जिला पंचायत राज अधिकारी आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि शीलू साहनी के जज्बे को विभाग सलाम कर रहा है। कोरोना काल से अब तक काम कर रहीं हैं। गर्भवती होने के बावजूद अवकाश नहीं ली। डयूटी पर जमी रहीं। दुर्भाग्य से उनके बच्चे की मौत हो गई। फिर भी सेवा की मिसाल पेश कर रही हैं।
शीलू का काम तारीफ के योग्य
मुख्य विकास अधिकारी शिव शरणप्पा जीएन ने कहा कि कोरोना काल में ग्राम विकास अधिकारी शीलू साहनी का काम तारीफ के योग्य है।जिस तरह से गर्भवती महिला ने बिना किसी चिंता के के जज्बे के साथ अपनी डयूटी का निर्वहन किया है। इस तरह के कर्मचारियों के काम से सभी लोगों को सीख मिलती है।