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Lockdown ने बदली शहर से लेकर गांव की सूरत, सामान ही नहीं रुपयों तक की होम डिलीवरी

गोरखपुर में लोगों का रुझान समझ चुके किराना स्टोर संचालक लॉकडाउन के बाद भी होम डिलीवरी व्यवस्था को जारी रखने के लिए मोबाइल एप बनवा रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 11:57 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 02:33 PM (IST)
Lockdown ने बदली शहर से लेकर गांव की सूरत, सामान ही नहीं रुपयों तक की होम डिलीवरी
Lockdown ने बदली शहर से लेकर गांव की सूरत, सामान ही नहीं रुपयों तक की होम डिलीवरी

गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन जब भी खत्म होगा, होम डिलीवरी की नई संस्कृति विकसित कर जाएगा। आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की चुनौतियों के बीच शुरू की गई यह व्यवस्था अब लोगों को पसंद आने लगी है। लोगों का रुझान समझ चुके किराना स्टोर संचालक लॉकडाउन के बाद भी होम डिलीवरी व्यवस्था को जारी रखने के लिए मोबाइल एप बनवा रहे हैं। घर-घर सामान पहुंचाने वाली व्यवस्था की सफलता के बाद अब ग्राहक भी इसमेें रुचि दिखा रहे हैं।

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गोरखपुर के कुछ युवा दुकानदारों ने लॉकडाउन से पहले होम डिलीवरी की पहल की थी लेकिन ग्राहकों से उन्हें रेस्पांस नहीं मिला था। लॉकडाउन में प्रशासन ने उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी तो उन्होंने सफलतापूर्वक इसे अंजाम दिया। इसी बीच किराना स्टोर संचालकों ने अपना एप विकसित करना शुरू कर दिया। अब उनके एप पर भी लोगों के ऑर्डर आने लगे हैं। ग्राहकों के इस रेस्पांस से दुकानदार काफी उत्साहित हैं। इसके चलते सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को बड़े पैमाने पर एप विकसित करने के ऑर्डर मिल रहे हैं।

देश भर में धूम मचा रहा है ऑनलाइन डिलीवरी सिस्‍टम

युवा IAS और गोरखपुर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व उप जिलाधिकारी सदर गौरव सिंह सोगरवाल की ओर से लॉकडाउन के दौरान बनाई गई 'ऑनलाइन डिलीवरी पोर्टल' मॉडल देश भर में धूम मचा रहा है। इस पोर्टल की उपयोगिता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी तारीफ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी कर चुका है। इस पोर्टल के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में न सिर्फ राशन व अन्य सामग्री बल्कि आनलाइन आर्डर पर रूपये भी पहुंचाए जा रहेे हैंं।

ग्रामीण क्षेत्रों का भी बदलेगा स्वरूप

लाॅकडाउन ग्रामीण क्षेत्रों का भी स्वरूप बदल देगा। लाकडाउन के कारण आनलाइन डिलीवरी पोर्टल के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में खाद्यान्न समेत जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए 1400 दुकानों को चिन्हित किया गया है। इन दुकानों की सूची और उनके मोबाइल नंबर को ग्राम प्रधानों के माध्यमों से गांव-गांव पहुंचाया गया है। यह दुकान गांव-गांव, घर-घर जाकर आवश्यक सामानों की आपूर्ति कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि लाकडाउन के बाद भी यह सिस्टम काम करेगा।

लाकडाउन के बाद बदल जाएगा परिदृश्य 

आनलाइन डिलीवरी पोर्टल बनाने का आइडिया देने वाले युवा IAS गोरखपुर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि लाकडाउन ने लोगों और दुकानदारों को नई राह दिखाई है। लाॅकडाउन के बाद आवश्यक सामानों की आपूर्ति का बाजार कफी हद तक बदला हुआ नजर आएगा।

जोमैटो और स्वीगी ने भी बदली भूमिका

शहरी क्षेत्रों में घर-घर होटलों से खाने-पीने की सामग्री पहुंचाने वाली फूड चेक कंपनी स्वीगी और जोमैटो लाकडाउन में घर-घर किराना दुकानों से राशन की सामग्री भी पहुंचा रही है। दोनों कंपनियां अभी प्रशासन के अनुरोध पर यह कार्य कर रही हैं लेकिन यदि इसका अच्छा रिस्पांस मिला तो यह आगे भी जारी रह सकता है।

हम सात साल से इस क्षेत्र में हैं। लॉकडाउन से पहले लोग ऑनलाइन मार्केटिंग को लेकर उत्साहित नहीं थे, लेकिन पिछले एक महीने में बड़ा बदलाव दिखा है। अब तक हम कई एप विकसित कर चुके हैं। होम डिलीवरी का भविष्य शहर में अच्छा है। - राहुल मिश्रा, सॉफ्टवेयर इंजीनियर

हमने गणेश मार्ट ऑनलाइन ग्रॉसरी एप विकसित कराया है। सरकार के साथ अब इस पर सीधे भी ऑर्डर मिल रहे हैं। शहर के हर हिस्से में घर तक सामान पहुंचा रहे हैं। लोग बदलाव को महसूस कर रहे हैं। होम डिलीवरी की व्यवस्था भविष्य में भी सफल रहेगी। - शिवेंद्र मिश्र, प्रोपराइटर गणेश मार्ट, गोरखपुर।

लॉकडाउन में लोगों का अच्छा रेस्पांस मिला है। अभी वाट्सएप नंबर के जरिए ऑर्डर आ रहा है। लोगों के रुझान को देखते हुए हम एप भी विकसित कर रहे हैं। लॉकडाउन ने निश्चित ही नई संस्कृति विकसित की है। इस व्यवस्था के सफल होने की उम्मीद है। - गणेश कुमार टेकड़ीवाल, प्रोपराइटर, गृहलक्ष्मी प्रोविजन स्टोर, गोलघर, गोरखपुर।


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