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लॉकडाउन में बंद हो गया था कारोबार, उधार नहीं चुका पाया तो दे दी जान Gorakhpur News

यूपी के गोरखपुर में लॉकडाउन कारोबार बंद होने के कारण उधार न चुका पाने पर एक युवक से आत्‍महत्‍या कर ली।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 10:37 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 08:52 PM (IST)
लॉकडाउन में  बंद हो गया था कारोबार, उधार नहीं चुका पाया तो दे दी जान Gorakhpur News
लॉकडाउन में बंद हो गया था कारोबार, उधार नहीं चुका पाया तो दे दी जान Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सहजनवां इलाके के बेलौरा निवासी शिवम पांडेय की रविवार को घर में छत के कुंडे से लटकता शव मिला है। परिजनों का कहना है कि सूदखोरों के उत्पीडऩ से परेशान होकर उसने खुदकुशी की है। लॉकडाउन में कारोबार बंद होने से कर्ज में ली गई रकम का ब्याज नहीं चुका पा रहा था। ब्याज के लिए सूदखोर उस पर लगातार दबाव बनाए हुए थे और बार-बार धमकी दे रहे थे।

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बेलौरा निवासी अजय पांडेय के इकलौते पुत्र शिवम (20) पर ही परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी। जीविकोपार्जन के लिए सहजनवां में उन्होंने मोबाइल फोन की दुकान खोल रखा था। कुछ माह पहले कर्ज लेकर दुकान का विस्तार किया था। इसके लिए कई लोगों से उन्होंने ब्याज पर कर्ज लिया था। कारोबार ठीक चल रहा था। समय से ब्याज भी चुकता कर रहे थे। इसी बीच लॉकडाउन हो गया। दुकान बंद हो गई। आय नहीं हो रही थी, इसलिए सूदखोरों को वह ब्याज नहीं चुकता कर पा रहे थे।

मोबाइल फोन की दुकान खोलने के लिए ले रखा था कर्ज

पिता के मुताबिक ब्याज के लिए सूदखोर लगातार दबाव बना रहे थे। साथ ही उसे धमकी भी दे रहे थे। रविवार की शाम को शिवम ने बाबा विभूति से ब्याज चुकाने के लिए 40 हजार रुपये मांगा था। बाबा ने असमर्थता व्यक्त कर दी। इसके कुछ देर बाद ही कमरे में छत के कुंडे में रस्सी बांधकर वह फंदे से लटकते मिले। इसके बाद आनन-फानन उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंचे सीओ कैंपियरगंज दिनेश कुमार सिंह ने कहा है कि सभी बिंदुओं की जांच की जाएगी। जो भी दोषी मिलेगा, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

फंदे से लटकता मिला दो युवकों का शव

गोरखपुर के गगहा थानाक्षेत्र के कोठा निवासी सत्या प्रकाश और चौरीचौरा में भरतपुर निवासी सिकंदर का फंदे से लटकता शव मिला है। परिजन इसे खुदकुशी की घटना बता रहे हैं, लेकिन वे इसकी वजह नहीं बता पा रहे हैं। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचने की बात कही है। सत्यप्रकाश (22) के पिता जगतू और मां आसनसोल में रहते हैं। पिता कोयले की खदान में काम करते हैं। दो बहनों और नानी के साथ सत्य प्रकाश गांव में रह रहा था। शनिवार की शाम को वह अपने कमरे में सोने चला गया। रात में नानी उसे खाना खाने के लिए जगाने गई तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। उनके शोर मचाने पर एकत्र हुए आसपास के लोगों ने किसी तरह से दरवाजा खोला तो छत के कुंडे से लटक रहा उसका शव दिखाई दिया।


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