लाकडाउन ने सिखाया कि घर से भी कर सकते हैं काम, हो गए थे अधिकतर बेरोजगार Gorakhpur News
22 मार्च को लाकडाउन के एक वर्ष पूरे हो रहे हैं। लाकडाउन के बाद सभी की जिंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव हुए। सर्वाधिक असर नौकरीपेशा लोगों पर पड़ी। अधिकतर बेरोजगार हुए तो कइयों को वर्क फ्राम होम का कांसेप्ट समझ में आ गया।
गोरखपुर, जेएनएन : 22 मार्च को लाकडाउन के एक वर्ष पूरे हो रहे हैं। लाकडाउन के बाद सभी की जिंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव हुए। सर्वाधिक असर नौकरीपेशा लोगों पर पड़ी। अधिकतर बेरोजगार हुए तो कइयों को वर्क फ्राम होम का कांसेप्ट समझ में आ गया। जागरण ने सिद्धार्थनगर में क्षेत्र के चार ऐसे लोगों से बातचीत की, जो एक वर्ष बाद भी घर पर रहकर अपना काम कर रहे हैं और जीविकोपार्जन कर रहे हैं।
अपनी दुकान को इंटरनेट प्लेटफार्म के मार्फत बढ़ा रहा
दुर्गेश कुमार सोनी ने कहा कि पहले गुड़गांव स्थित कंपनी में आनलाइन ज्वेलरी बिक्री का काम स्नैपडील व अमेजन के लिए करता था। लाकडाउन के बाद घर वापस आया तो अपनी दुकान को इंटरनेट प्लेटफार्म के मार्फत बढ़ा रहा हूं। दूर- दराज के लोगों तक उनकी मांग के अनुरूप डिजाइन पसंद कराता हूं। तय वजन में तैयार करवाकर घर तक पहुंचाने का काम करता हूं। भुगतान की सुविधा भी ग्राहकों को आनलाइन दे रखी है। जिससे काम ठीक- ठाक चल रहा है।
आनलाइन हीकरता हूं समस्या का निदान
कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि पंजाब स्थित एक ई रिक्शा कंपनी में बतौर इंजीनियर काम करता था। लाकडाउन के बाद घर आया तो चार माह कठिनाई से गुजरे, फिर कंपनी ने स्थानीय स्तर घर के निकट ब्रांच डाल दिया और दोबारा नौकरी वापस मिल गई। चार जिलों में कंपनी ई रिक्शा बेंच रही है। उनमे खराबी आने पर मैं आनलाइन ही देखकर समस्या निदान कराता हूं, अथवा सर्विस सेंटर पर वाहन मंगा लेता हूं।
रुपये ट्रांसफर करने व निकालने का करता हूं काम
बबलू कुमार मौर्या ने कहा कि आनलाइन बिजनेस नेटवर्किंग का काम मुंबई रहकर करता था। लाकडाउन के वक्त जैसे घर वापसी के लिए भगदड़ मच गई। मैं भी स्वजन के दबाव से वापस लौट आया। अब अपने घर से ही बैंक अनुमति लेकर रुपये ट्रांसफर करने व निकालने का काम निर्धारित शुल्क पर करता हूं। साथ ही आनलाइन सभी तरह के कार्य भी। इतनी आमदनी हो रही है कि अब बाहर जाने की जरूरत नहीं।
मशरूम उगाकर दिया पांच लोगों को रोजगार
तोताराम ने बताया कि कमाई के लिए बाहर जाने वाला था, लेकिन फिर घर पर रहकर कमाई का कांसेप्ट समझ में आया। प्रशिक्षण लेकर मशरूम उगा रहा हूं। सप्लाई तीन से चार जिलों में करता हूं। बेहतर कमाई हो रही है। पांच लोगों को रोजगार दे रखा है। अब बाहर जाने की जरूरत नहीं। घर पर रहकर ही घर परिवार का खर्च उठाने में सक्षम हो चुके हैं।