Move to Jagran APP

Gorakhpur Festival: लोकरंग में बही भोजपुरिया बयार, झूम-झूम उठे श्रोता

भोजपुरी गायक व अभिनेता मनोज मिश्र मिहिर ने जब हो जाला प्यार प्यार कइल नाहीं जाला की प्रस्तुति की तो समूचा पांडाल तालियों से गूंज उठा। वरिष्ठ कलाकार चेता सिंह ने सुरुज मुख ना जइबो हाय राम पतरी कमरिया उपरा धानी चुनरी आदि की प्रस्तुति कर मन मोहा।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 04:55 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 04:55 PM (IST)
Gorakhpur Festival: लोकरंग में बही भोजपुरिया बयार, झूम-झूम उठे श्रोता
कत्थक नृत्य प्रस्तुत करतीं नृत्यांगना अनुश्री बनर्जी।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर महोत्सव में 'लोकरंग आयोजित किया गया। कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने अपने गीतों की बेहतरीन प्रस्तुतियों से जमकर भोजपुरिया बयार बहाई। देर शाम बढ़ती ठंड के बीच बड़ी संख्या में लोगों ने इन कलाकारों को सुना और कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया। तालियों के उत्साहवर्धन के बीच सभी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।

loksabha election banner

भोजपुरी गायक व अभिनेता मनोज मिश्र 'मिहिर ने 'जब हो जाला प्यार प्यार कइल नाहीं जाला की प्रस्तुति की तो समूचा पांडाल तालियों से गूंज उठा। मिहिर ने 'जेकरा अंखिया में तसवीर साजन के बाबा, 'कब अइब हो कब अइब, बहतारे पुरुवा बयार हो राजाजी आदि प्रस्तुतियों से सभी की वाहवाही बटोरी। वरिष्ठ कलाकार चेता सिंह ने 'सुरुज मुख ना जइबो हाय राम, 'पतरी कमरिया उपरा धानी चुनरी आदि की प्रस्तुति कर मन मोहा। रामदरश शर्मा की प्रस्तुतियों 'हमनी के छोड़ी स्याम गइल, 'निमन लागे पनिया भरे सांवर गोरिया आदि को भी लोगों ने खूब सराहा। शिप्रा दयाल ने जगदंबा घर में दियरा की प्रस्तुति लोगों को खूब भायी। धानी गुप्ता ने राधा-कृष्ण पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। अनुपम मुखर्जी का गीत और मेघना श्रीवास्तव तीन ताल तराना पर प्रस्तुत कथक नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। प्रभाकर शुक्ला ने 'ई कलियुग में सबसे बड़वन गांधी छाप रुपइया बा से तालियां बटोरी। कार्यक्रम का संचालन शिवेन्द्र पाण्डेय ने किया। वाद्य यंत्रों पर त्रिपुरारी मिश्र, अमर चंद श्रीवास्तव, मोईन, मधुसूदन, पंकज ने कलाकारों का बखूबी साथ दिया। आयोजन में हरि प्रसाद सिंह, डा. शरद मणि त्रिपाठी, राकेश श्रीवास्तव, नवीन पाण्डेय, रीता श्रीवास्तवा आदि का विशेष सहयोग रहा।

लोकगीत, नृत्य और राक बैंड की धुन पर थिरके युवा

चंपा देवी पार्क में सजे मुख्यमंच पर सबरंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लोकगीत, नृत्य और रॉक बैंड की धुन पर युवा थिरकते नजर आए। वर्सेटाइल बैंड के ठाकुर शिवेंद्र और उनकी टीम ने 'नैनो थारी कैसा जादू किया रे गीत गाकर माहौल को खुशनूमा बना दिया। इसके बाद 'ऐसे लहरा के तु रूबरू आ गई, 'चैन मुझे अब आए न गीतों के के माध्यम से युवाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। वेद डांस ग्रुप ने 'क्या लगती है हाय रब्बा गीत पर प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। इसके अलावा रविंद्र नाथ पांडे ने भजन, नरेंद्र कृष्ण ने कथक नृत्य, हर्ष सक्सेना ने कॉमेडी, कुमारी ऐश्वर्य चंद्रा ने गायन, हिमांशु द्विवेदी ने भजन, अखिलेश सिंह, अमित अंजन, विनोद कुमार व प्रतिमा योगी ने गायन, मेघना श्रीवास्तव, आयुषी श्रीवास्तव और नवसृजन डांस ग्रुप में नृत्य प्रस्तुत कर मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मंच पर गूंजे संस्कार गीत

सबरंग के मंच पर पहली बार संस्कार गीत गूंजे। युवा कलाकारों ने मंगल व शगुन गीत के आलावा मटकोड़वा, हल्दी, चुमावन, द्वारपूजा, परछावन, कन्यादान, सिंदूरदान और विदाई गीतों की प्रस्तुति कर लोगों का मन मोह लिया। अंजना लाल व नीतू श्रीवास्तव ने गईया के गोबरा मंगल गीत गाकर इसकी शुरुआत की। इसके बाद नीलू व स्वीटी ने कहवां के पीयर माटी, कहां के कुदार की प्रस्तुति दी। शारदा संगीतालय से जुड़े सलोनी, प्रियंवदा, सीमा, नीरज और साधना ने भी गीतों को स्वर दिए। निर्देशन राकेश श्रीवास्तव का रहा।

अनुश्री ने कथक नृत्य से दिया नारी सशक्तीकरण का संदेश

चंपा देवी पार्क के मुख्य मंच पर नृत्यांगना अनुश्री बनर्जी ने कथक नृत्य की प्रस्तुति की। नारी सशक्तीकरण की थीम पर प्रस्तुत कथक नृत्य को दर्शकों की खूब सराहना मिली। गुरु वंदना के साथ जब अनुश्री ने नृत्य शुरू किया तो दर्शक खड़े होकर ताली बचाने लगे। 10 मिनट की प्रस्तुति को दर्शकों ने अपलक देखा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.