शराब कारोबारियों को रोजाना लाखों का नुकसान
गोरखपुर: लाखों रुपये जमानत राशि जमाकर शराब का लाइसेंस लेने वाले कारोबारियों को रोजना ल
गोरखपुर: लाखों रुपये जमानत राशि जमाकर शराब का लाइसेंस लेने वाले कारोबारियों को रोजना लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। नए वित्तीय वर्ष के 10 दिन बाद भी डिस्टीलरी से शराब की पर्याप्त मात्रा में आवक नहीं हो पाई है। शराब की किल्लत जस की तस बनी हुई है। शहर से लेकर देहात तक दुकानें बंद पड़ी हैं। जो दुकानें खुली है, वहां महंगे ब्रांड की शराब नहीं है।
लाइसेंसी डिपो पर बैठकर शराब आने का इंतजार कर रहे हैं। शराब की किल्लत से उन्हें पूंजी डूबने का डर सताने लगा है। आबकारी अधिकारी बीपी सिंह का कहना है कि लाइसेंसी के साथ विभाग को भी नुकसान हो रहा है। जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी।
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क्या कहना है लाइसेंसियों का
लाइसेंसी पीके सिंह का कहना है कि सिविल लाइंस रोड पर माडल शाप है, जमानत राशि के रूप में 50 लाख रुपये जमा है। सवा लाख रुपये महीने दुकान का किराया है। नए वित्तीय वर्ष में 10 दिन बीत गए, लेकिन पर्याप्त मात्रा में शराब नहीं मिल पाई। महंगे ब्रांड की शराब नहीं आ रही है। रोजाना लाखों का घाटा हो रहा है।
लाइसेंसी विशाल सोनकर का कहना है कि गोला के बेवरी चौराहे पर अंग्रेजी शराब की दुकान है। शराब के लिए रोजना शहर आना पड़ता है। एक दिन में छह पेटी शराब उपलब्ध हो रही है। भाड़ा, खर्च काटने के बाद कारोबार में घाटा हो रहा है। पर्याप्त मात्रा में शराब नहीं मिलने से लाखों का नुकसान हो रहा है। लाइसेंसी प्रदीप पांडेय का मानना है कि शराब के लिए जो जमानत राशि जमा कराई गई है, वह रिफंडेबल नहीं है। डिस्टीलरी से शराब नहीं आ रही है। एक डिपो शराब के बिना बंद है। आबकारी विभाग में शिकायत की जा चुकी है। अब तो पूंजी डूबने के हालात हो गए हैं। स्टेशन रोड की दुकान बंद हो जा रही है।
उधर रंजीत सिंह का कहना है कि नए वित्तीय वर्ष में सिर्फ तीन बार ही बीयर उपलब्ध हो पाई है। गर्मी में बीयर की खपत अधिक होती है। डिमांड के सापेक्ष 10 प्रतिशत बीयर उपलब्ध हो रही है। 10 नंबर बो¨रग के पास बीयर की दुकान बंद हो जा रही है।
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