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Unlock 1: पटरी पर आने लगी जिंदगी, रेलवे ने शुरू कराया निर्माण कार्य Gorakhpur News

Unlock 1 लाॅॅॅॅॅॅॅकडाउनके बाद रेलवे ने अपने रुके हुए निर्माण कायों को शुरू करा दिया है। इससे लोगों को रोजगार मिलना शुरू हो गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 01:31 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 03:10 PM (IST)
Unlock 1: पटरी पर आने लगी जिंदगी, रेलवे ने शुरू कराया निर्माण कार्य Gorakhpur News
Unlock 1: पटरी पर आने लगी जिंदगी, रेलवे ने शुरू कराया निर्माण कार्य Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। अनलॉक-1 में पूर्वोत्तर रेलवे के निर्माण कार्यों में भी तेजी आ गई है। लॉकडाउन में बंद पड़े लगभग सभी कार्य शुरू हो गए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे का कायाकल्प तो हो ही रहा है, इस संकट के दौर में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। गोरखपुर जोन में ही विभिन्न निर्माण स्थलों पर करीब 500 लोग कार्य कर रहे हैं।

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कुसम्हीं-डोमिनगढ़ तीसरी लाइन व गोरखपुर- नकहा दोहरीकरण का कार्य भी शुरू

रेलवे क्रिकेट स्टेडियम का पवेलियन, 500 सीट का अति आधुनिक प्रेक्षागृह, गोरखपुर कैंट स्टेशन का भवन, नकहा स्टेशन का प्लेटफार्म बनने लगा है। महत्वपूर्ण कुसम्हीं-डोमिनगढ़ के बीच तीसरी रेल लाइन भी बिछने लगी है। गोरखपुर-नकहा दोहरीकरण का कार्य भी प्रगति पर है। गोरखपुर कैंट और कुसम्हीं के बीच पुल का निर्माण भी तेज हो गया है। गोरखपुर क्षेत्र के उप मुख्य इंजीनियर रविन्दर मेहरा बताते हैं कि गोरखपुर के 18 जोन में निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार कौवाबाग अंडरपास का अधूरा कार्य भी पूरा किया जा रहा है। बंद पड़े सभी कार्य शुरू हो चुके हैं।

पूरी तरह से बाजार खुलने के बाद उत्पादन बढ़ाने पर जोर

लगभग पूरा बाजार अब खुलने लगा है। बाजार खुलने के साथ मांग बढ़ी तो उद्यमी उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर देने लगे हैं। खाद्य वस्तुओं का उत्पादन तो पहले से पर्याप्त किया जा रहा है। रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होने वाली अन्य वस्तुओं के उत्पादन को भी बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए उद्यमी कामगारों की कमी दूर करने में लगे हैं। गीडा में चप्पल बनाने वाली फैक्ट्री के पास इस समय खूब मांग आ रही है। फैक्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार सामान्य दिनों की तुलना में यहां उत्पादन बढ़ा दिया गया है। माल पाने के लिए 15 से 20 दिन इंतजार करना पड़ रहा है। स्टील फैक्ट्रियों में भी उत्पादन बढऩे लगा है। पावरलूम में कपड़ा तैयार करने की गति भी बढ़ गई है। उद्यमियों के सामने अभी भी पर्याप्त कामगार न होने की समस्या आ रही है। वे कामगारों को बुलाने में जुटे हैं। हार्डवेयर सामान के उत्पादक आरएन सिंह का कहना है कि उनके यहां भी पर्याप्त मांग है। कुछ महिला कर्मचारी आसपास के गांवों से आती हैं लेकिन सामान्य रूप से ऑटो न चलने से उन्हें समस्या हो रही है। अधिक किराया देकर आना पड़ता है। अन्य कामगारों को भी बुलाया जा रहा है। उत्पादन बढ़ाने के लिए नकद भुगतान कर कच्‍चा माल बुक किया है।

खुला रीजनल स्टेडियम, 10  खिलाडिय़ों ने कराया पंजीकरण

लंबे समय बाद रीजनल स्टेडियम को भी खिलाडिय़ों के लिए खोल दिया गया। पहले दिन सुबह व शाम मिलाकर 10 खिलाडिय़ों ने दो खेलों में पंजीकरण कराया। इनमें एथलेटिक्स के लिए छह व बैडमिंटन के चार खिलाडिय़ों ने पंजीकरण कराया। बैडमिंटन के लिए 300 जबकि एथलेटिक्स के लिए 200 रुपये प्रति महीना देना होगा। पंजीकरण शुल्क के कारण कई खिलाड़ी बाहर से चले गए। स्टेडियम में पिछले कुछ दिनों से साफ-सफाई का काम चल रहा है। सोमवार को भी यह काम जारी रहा। सुबह आए सात खिलाडिय़ों को द्वार पर चेक किया गया। उनका पंजीकरण किया गया। मास्क लगाने के बाद ही उन्हें प्रवेश का मौका दिया गया। खिलाडिय़ों ने स्टेडियम में आकर अभ्यास किया। बैडमिंटन कोर्ट खाली न होने के कारण खिलाड़ी खेल नहीं सके। शाम को तीन खिलाडिय़ों ने पंजीकरण कराया। क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अरुणेंद्र पांडेय ने बताया कि अभी उन्हीं खेलों को मंजूरी दी जा रही है, जिनमें शारीरिक दूरी संभव है। 


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