गोरखपुर के पैथवर्ड डायग्नोस्टिक का आरटीपीसीआर जांच करने का लाइसेंस निरस्त, कई अन्य कार्रवाई की तैयारी Gorakhpur News
जांच में पता चला कि प्रतिदिन की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही थी। एक माह के सैंपलों की रिपोर्ट अपलोड न करने के बारे में जब पूछताछ शुरू हुई तो पैथालाजी ने आननफानन करीब 1200 पाजिटिव केस पोर्टल पर अपलोड कर दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। कोविड-19 संबंधी दस हजार से अधिक नमूनों की जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर अपलोड न करने पर बेतियाहाता स्थित पैथवर्ड डायग्नोस्टिक का आरटीपीसीआर जांच करने का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। शासन स्तर की निगरानी समिति की लंबित रिपोर्ट की समीक्षा किए जाने के दौरान इसका पता चला। प्रदेश में कुल 26500 नमूनों की जांच रिपोर्ट लंबित थी। इसमें 10105 सैैंपल की रीयल टाइम पालमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) रिपोर्ट गोरखपुर की लैब से ही अपलोड नहीं की गई थी। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पैथालाजी पहुंचकर जांच की तो मामला सही पाया गया। इसके बाद लाइसेंस निरस्त कर जांच बैठा दी गई।
10 हजार नमूनों की रिपोर्ट को अपलोड ही नहीं किया
जांच में पता चला कि प्रतिदिन की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही थी। एक माह के सैंपलों की रिपोर्ट अपलोड न करने के बारे में जब पूछताछ शुरू हुई तो पैथालाजी ने आननफानन करीब 1200 पाजिटिव केस पोर्टल पर अपलोड कर दिया। अचानक बड़ी संख्या में पाजिटिव रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई। इसके बाद टीम जांच करने सेंटर पर पहुंची। वहां पता चला कि कुछ रिपोर्ट 30 दिन पुरानी भी हैैं। इसके बाद लैब का आरटीपीसीआर जांच का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। सीएमओ ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी है। साथ ही रिपोर्ट अपलोड न किए जाने पर लैब से स्पष्टीकरण भी मांगा है।
पैथलाजी को 48 घंटे में रिपोर्ट अपलोड करने का निर्देश
कोराना जांच की अनुमति जिन्हें दी गई है, उन सभी पैथालाजी के संचालकों के साथ सीएमओ ने बैठक की। उन्हें एंटीजन जांच रिपोर्ट तुरंत व आरटीपीसीआर जांच 48 घंटे में पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि यह बड़ी लापरवाही है। पैथालाजी के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। कमेटी जो रिपोर्ट देगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर आरटीपीसीआर जांच का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।