15 साल से पाइप लाइन का खोज रहे लीकेज, जानिए क्या है मामला Gorakhpur News
शासन के सभी को शुद्ध जल मुहैया कराने की योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गई। डेढ़ दशक से देवरिया जिले के रुद्रपुर नगर पंचायत लीकेज खोज रही है। नतीजा यह है कि कई मुहल्लों के लोग शुद्ध पानी के लिए तरस रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : शासन के सभी को शुद्ध जल मुहैया कराने की योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गई। डेढ़ दशक से देवरिया जिले के रुद्रपुर नगर पंचायत लीकेज खोज रही है। नतीजा यह है कि कई मुहल्लों के लोग शुद्ध पानी के लिए तरस रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों को नागरिकों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं
रामचक, भभौली बाईपास और शिवाला वार्ड में तीन ओवर हेड टैंक बनाए गए हैं। शिवाला वार्ड से सिर्फ नगर पंचायत अपने कार्यों के लिए पानी लेती है। भभौली और रामचक के समीप ओवर हेड टैंक को 2006-07 में कार्यदायी संस्था जल निगम ने नगर पंचायत को हैंडओवर कर दिया। उस वक्त लीकेज सहित अन्य खामियों को 15 दिनों के अंदर ठीक कराने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
समस्याओं से जनप्रतिनिधियों का कोई लेना देना नहीं
जनप्रतिनिधियों को नागरिकों की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है। पाइप लाइन में लीकेज की वजह से नगर की 36 हजार आबादी शुद्ध पेयजल से वंचित है। अधिशासी अधिकारी उपेंद्रनाथ सिंह ने कहा कि नागरिकों की समस्या को देखते हुए लिए शासन को पत्र लिखा गया है। इससे 36 हहजार की आबादी प्रभावित हो रही है।
तीन सदस्यीय टीम ने की थी जांच
पाइप लाइन बिछाने में मानकों की अनदेखी करने की तत्कालीन विधायक अखिलेश प्रताप सिंह की शिकायत पर शासन के आदेश पर 2015 -16 में तत्कालीन नगर आयुक्त गोरखपुर आरके त्यागी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम ने जांच की थी । टीम के सामने ही पाइप लाइन की कलई खुल गई थी।
नगर पंचायत एक नजर में
आबादी - 36914 ( 2011 जनगणना के अनुसार)
वार्ड -16
पानी की टंकी-तीन
पानी से वंचित वार्ड-16
मकानों की संख्या-5360
ये हैं लीकेज स्थल:
खजुहा चौराहा
मंदिर रोड
भभौली बाइपास
बसस्टेशन
कोतवाली रोड।
50 लाख रुपये की लागत से होगा पोखरे का सुंदरीकरण
बरहज नगर नंदना वार्ड पश्चिमी स्थित मद्धेशिया समाज के पोखरे के सुंदरीकरण के लिए प्रदेश सरकार ने 50 लाख रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दी है। प्रथम किस्त के रूप में 21 लाख रुपये अवमुक्त कर दिया गया है।
नगर स्थित ऐतिहासिक पोखरा वर्षों से जीर्णशीर्ण है। सुंदरीकरण के लिए नगर पालिका प्रशासन ने शासन में 50 लाख रुपये की कार्ययोजना बनाकर भेजा था। जिसकी स्वीकृति मिलने के साथ ही प्रथम किस्त जारी कर दी गई है।