देवरिया में राजस्व अभिलेखागार में 280 गांवों के 293 भू-नक्शे गायब Gorakhpur News
जिला प्रशासन की तरफ से राजस्व परिषद को कई बार पत्र भी लिखा गया लेकिन भू-नक्शों का इंतजाम नहीं हो सका।
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जनपद के राजस्व विभाग के अभिलेखागार में 280 गांवों के 293 भू-नक्शे गायब हैं। इन सभी गांवों के नक्शों न होने से भूमि विवाद नहीं सुलझ पा रहे हैं। नक्शों की अनुपलब्धता के चलते डिजिटलाइजेशन कार्य भी बाधित है। ऐसे आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि वह अब किससे अपनी शिकायतें करें।
जिला प्रशासन की तरफ से राजस्व परिषद को कई बार पत्र भी लिखा गया लेकिन भू-नक्शों का इंतजाम नहीं हो सका। इसके चलते इन गांवों के लोगों को जनपद के राजस्व अभिलेखागार से नकल नहीं मिल पा रही है। उदाहरण के रूप में सदर तहसील के रानीघाट गांव को ही लें। यहां का भू-नक्शा गायब है। भूमि विवाद बढ़ता जा रहा है। गांव के लोग परेशान हैं। स्थिति यह है कि गांव में दबंग व्यक्ति किसी की जमीन यदि बढ़कर जोत ले रहा है तो विरोध करने के लिए उसके पास मानचित्र ही नहीं है। ऐसे में विवाद बढ़ना स्वाभाविक है।
1965 ग्रामों के स्कैन नक्शों का किया जा रहा सत्यापन
भू-नक्शों का डिजिटलाइजेशन कार्य जारी है। जिले के 2178 ग्रामों के 2258 भू-नक्शों में 1965 नक्शों को स्कैन कर पोर्टल पर अपलोड किया गया है। जिसमें रुद्रपुर तहसील के नक्शों का सत्यापन कर त्रुटियों को सुधार किया जा चुका है, जबकि बरहज व सलेमपुर के नक्शों का सत्यापन कार्य चल रहा है। इसके बाद देवरिया व भाटपाररानी तहसील के नक्शों का सत्यापन किया जाना है।
पुराने अभिलेख भी हो चुके हैं नष्ट
राजस्व अभिलेखागार में मौजूद ब्रिटिश शासनकाल में उर्दू में तैयार किए गए अभिलेख नष्ट हो गए हैं। अधिकतर गांवों में कोर्रा बंटवारा व तकसीम किए गए थे। कई गांवों के डीह के अभिलेख, आकार पत्र दो, आकार पत्र 23, आकार पत्र 11, चकबंदी के पहले की खतौनियां फसली वर्ष 1356, 1359, 1365, 1370 के अतिरिक्त चकबंदी जिल्द आदि भी फट गए हैं। मुख्य राजस्व अधिकारी अमृत लाल का कहना है कि जो नक्शे नष्ट हो गए हैं या जीर्ण शीर्ण हालत में हैं। उनको रुड़की से मंगाने की कार्रवाई चल रही है।