मालखाने में पड़ा है लाखों का माल, दावेदारों का हो रहा इंतजार Gorakhpur News
पुलिस के मालखाने में पिछले छह माह में तकरीबन 70 लाख रुपये से अधिक की नकदी व गहने जमा हुए हैं। यह रुपये व गहने डकैती चोरी व लूट के हैं। पुलिस ने इन्हें बरामद कर लिया है। आरोपितों को जेल भी भेज दिया गया है।
जितेंद्र पांडेय, गोरखपुर : पुलिस के मालखाने में पिछले छह माह में तकरीबन 70 लाख रुपये से अधिक की नकदी व गहने जमा हुए हैं। यह रुपये व गहने डकैती, चोरी व लूट के हैं। पुलिस ने इन्हें बरामद कर लिया है। आरोपितों को जेल भी भेज दिया गया है। बावजूद इसके अभी तक इनका कोई ऐसा दावेदार पुलिस के पास नहीं आया है, जो वैध दस्तावेज दिखाकर इन्हें मालखाने से छुड़ाकर ले जाए। इसमें से तीन मामलों में डीआइजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने डीजीपी को पत्र भी लिखा है कि इनकम टैक्स से जांच कराई जाए कि यह रुपये व गहने किसके हैं? अब चौथे मामले में भी पत्र लिखने जा रहे हैं।
बड़े पैमाने पर हो रहा बिना आधार कार्ड व पैन कार्ड के रुपयों का ट्रांजेक्शन
जिले में बड़े पैमाने पर रुपयों का ट्रांजेक्शन बिना आधार कार्ड व पैन कार्ड के किया जा रहा है। इन रुपयों पर अराजक तत्वों की नजर है। वह ऐसे ही व्यक्ति को निशाना बना रहे हैं, जो रुपयों का स्पष्ट आधार बताने में आनाकानी करते हैं। गोला थाना क्षेत्र में दवा विक्रेता के संग हुई डकैती का मामला भी कुछ इसी तरह का है। दवा विक्रेता जय प्रकाश ने रुपये जिनके बताए थे, वह रुपये उनके नहीं निकले। जिन्हें रुपये लेने थे, उसने भी इंकार किया कि उसके नहीं है। रुपयों को लेकर कुछ जन प्रतिनिधियों का नाम आया, लेकिन पुलिस की पूछताछ में हर कोई पीछे हट गया। डकैती गई रकम से 6.26 लाख रुपये बरामद हो गए हैं, लेकिन अभी तक व्यापारी यह बता पाने में अक्षम है कि रुपये किसके हैं। रुपयों को हवाला व अन्य कारोबार से भी जुड़ा बताया जा रहा है। एसएसपी इस मामले को लेकर डीजीपी को पत्र लिखने वाले हैं कि रुपये किसके हैं, इसकी इनकम टैक्स व अन्य विभागों से जांच कराई जाए। हालांकि दवा विक्रेता जय प्रकाश रुपये ब्लाक प्रमुख के बता रहे हैं।
सर्राफ भी नहीं दे सका था लूटी गई रकम का विवरण
करीब माह भर पूर्व महराजगंज जिले के दो सर्राफ से बस्ती के पुलिसकर्मियों ने करीब 30 लाख रुपये की लूट की थी। गोरखपुर पुलिस ने शत प्रतिशत लूटी गई रकम की रिकवरी कर ली। लूट में शामिल रहे बस्ती के दारोगा, सिपाही को घटना के दूसरे दिन ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया, लेकिन अभी तक व्यापारी बरामद रुपयों व सोने चांदी के वैध दस्तावेज पुलिस को नहीं दे सका है। इतना ही नहीं शाहपुर थाना क्षेत्र में कस्टम इंस्पेक्टर बनकर पुलिस कर्मियों ने चांदी लूटी थी। इसमें भी व्यापारी चांदी का हिसाब नहीं दे सका है।
मुनीम से हुई लूट का भी नहीं मिल रहा हिसाब
करीब माह भर पूर्व रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में एक सरिया कारोबारी के मुनीम से बदमाशों ने 32 लाख रुपये की लूट की थी। घटना का पर्दाफाश भी हो गया है, लेकिन अभी तक पुलिस को 32 लाख रुपयों का हिसाब नहीं मिल सका है। एसएसपी ने इस मामले में भी डीजीपी को पत्र लिखा है।
रुपयों की जांच करने का मामला दूसरे विभाग का
डीआइजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कहा कि रुपयों की जांच करने का मामला दूसरे विभाग का है। तीन प्रकरण को लेकर डीजीपी को पत्र लिखा गया है। दवा विक्रेता के प्रकरण में भी डीजीपी को पत्र लिखा जाएगा।पुलिस को साझा करनी चाहिए सूचनाएं
अपर आयकर आयुक्त एपी मणि ने बताया कि आयकर विभाग सटीक सूचनाओं पर काम करता है। सर्राफ लूटकांड में पहले सोने का वजन कुछ और बताया जा रहा था, बाद में कुछ और बताया गया। पुलिस को यदि किसी पर संदेह है और कोई बड़ा मामला है तो उन्हें सूचनाएं साझा करनी चाहिए।