संयुक्त जिला अस्पताल में दवा का अभाव, बाहर से खरीदना मरीजों की बनी मजबूरी Gorakhpur News
देवरिया जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत देखनी हो तो जिला अस्पताल आइए यहां मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जनपद में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के सरकारी दावे की हकीकत जाननी हो तो जिला अस्पताल चले आइए। मरीज दवा के अभाव में कराह रहे हैं। जीवन रक्षक दवाएं तक नहीं हैं। तीमारदारों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है। जरूरी दवाएं मसलन पैरासीटामाल सिरप आदि भी नहीं हैं। शासन का सख्त निर्देश है कि बच्चों का इलाज करते समय एजीथ्रोमाइसीन सिरप दिया जाए, वह भी उपलब्ध नहीं है।
दो करोड़ बकाया, लोकल खरीदारी पर लगी रोक
एक दवा कंपनी से दवाओं की खरीदारी की गई और भुगतान नहीं हो सका। उसने दवाओं की आपूर्ति बंद कर दी। अस्पताल प्रशासन कंपनी बदल दवा लेता रहा। वर्तमान में डेढ़ दर्जन कंपनियों के दो करोड़ रुपये बकाए की बात कही जा रही है। शासन ने लोकल स्तर पर दवाओं की खरीदारी पर रोक लगा कार्पोरेशन से मिल रही दवाओं से ही काम चलाने का फरमान जारी कर दिया है।
यह है मरीजों का दर्द
भागलपुर निवासी अशोक प्रसाद के बेटे अजीत को झटका की बीमारी है। इलाज के बाद डाक्टरों ने छुट्टी कर दी। बताया कि दवा के नाम पर केवल पैरासीटामाल मिला, बाकी बाहर से खरीद कर लाया। कपिल प्रसाद निवासी कोल्हुआ सलेमपुर के पैर की हड्डी टूटी है। डाक्टरों ने बाहर की दवा लिखी है।
जिन दवाओं का अभाव है, उसकी डिमांड कार्पोरेशन को भेजी गई है। बजट न आने से लोकल स्तर पर दवाओं की खरीदारी बंद हो गई है। इससे परेशानी हो रही है। शासन का जैसा निर्देश होगा उसका पालन करना ही होगा। - डा. छोटेलाल, सीएमएस, जिला चिकित्सालय