सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांथा में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, परेशानी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांथा के प्रभारी डा. एसके सिंह ने बताया कि शासन को जिले स्तर से जनरेटर के लिए पत्र लिखा गया था। लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल सकी है। एक्सरे मशीन है लेकिन कुछ तकनीकी खराबी है जिसे सही करवाया जा रहा है। प्रसव की सुविधा शुरू हो गई है लेकिन जनरेटर के अभाव में नेबुलाइजर में समस्या आ रही है। जल्द ही व्यवस्था बेहतर कर दी जाएगी। कुछ दवाओं की भी कमी है जिसके लिए वरिष्ठों को लिखा गया है।
संतकबीर नगर : सांथा ब्लाक के लोहरसन में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में सुविधाओं का टोटा है। लगभग एक लाख की आबादी की आशा की किरण सीएचसी खुद ही बीमार है। सुविधाओं की कमी का दंश स्थानीय लोग झेल रहे हैं। मजबूरी में लोगों को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ रही है। अस्पताल के नवनिर्माण के बाद से ही सुविधाओं का अभाव है। यहां न मरीजों को दवा मिलती है और न ही जांच के लिए एक्सरे मशीन से लेकर अल्ट्रासाउंड तक की सुविधा उपलब्ध है। जिससे लोगों को बाहर से ही जांच करवाना पड़ता है लेकिन जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए हैं। अस्पताल को सीएचसी का दर्जा भले ही दिया गया है लेकिन व्यवस्था पीएचसी से भी बदतर है। रात्रि होते ही वीरान हो जाता है अस्पताल
तीन वर्ष पूर्व सीएचसी को सांथा से लोहरसन स्थित नए भवन में स्थापित किया गया। लेकिन अभी तक जनरेटर की सुविधा अस्पताल को नहीं मिल सकी। जिससे रात होते ही अस्पताल वीरान हो जाता है। सुविधाओं के अभाव में रात्रि में डाक्टर निवास नहीं करते जिससे मरीजों को निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ता है। क्या कहते हैं ग्रामीण
लोहरसन निवासी अहमद सुहेल रहमानी ने कहा कि यहां सुविधा नहीं मिलने के कारण लोग इधर-उधर जाते हैं। लेकिन जिम्मेदारों के स्तर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। मोहम्मद रफीक ने कहा कि सीएचसी में प्रसव की सुविधा नहीं होने के कारण काफी समस्या हो रही है। तौफीक अहमद ने कहा कि सांथा के लिए यह अस्पताल लाइफलाइन साबित हो सकती थी। लेकिन जिम्मेदारों की चुप्पी के कारण केवल भवन ही नसीब है सुविधाएं नहीं। अरुण कुमार ने कहा कि जब अस्पताल में न दवा है और न ही जांच की सुविधा है तो मरीज आखिर जाएं तो कहां जाएं। यह समस्या काफी गंभीर है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांथा के प्रभारी डा. एसके सिंह ने बताया कि
शासन को जिले स्तर से जनरेटर के लिए पत्र लिखा गया था। लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिल सकी है। एक्सरे मशीन है लेकिन कुछ तकनीकी खराबी है जिसे सही करवाया जा रहा है। प्रसव की सुविधा शुरू हो गई है लेकिन जनरेटर के अभाव में नेबुलाइजर में समस्या आ रही है। जल्द ही व्यवस्था बेहतर कर दी जाएगी। कुछ दवाओं की भी कमी है, जिसके लिए वरिष्ठों को लिखा गया है।