धन की कमी से 126 किसानों की मौत पर नहीं मिला मुआवजा Gorakhpur News
देवरिया जिले में मुख्यमंत्री कृषक कल्याण दुर्घटना योजना का बुरा हाल है। धन की कमी से 126 से अधिक आवेदकों को आर्थिक सहायता मिलने का इंतजार है। लोग कलक्ट्रेट का चक्कर लगा रहे हैं। योजना में मृत्यु के 45 दिन के अंदर आवेदन करना होता है।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले में मुख्यमंत्री कृषक कल्याण दुर्घटना योजना का बुरा हाल है। धन की कमी से 126 से अधिक आवेदकों को आर्थिक सहायता मिलने का इंतजार है। लोग कलक्ट्रेट का चक्कर लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत हादसे में काल के गाल में समाने वाले किसानों के परिवार को सरकार की तरफ से पांच लाख रुपये व हादसे में दिव्यांग होने पर दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है।
45 दिन के अंदर करना होता है आवेदन
मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना में मृत्यु के 45 दिन के अंदर आवेदन करना होता है। कृषक के परिवार के खातों में आर्थिक मदद भेजी जाती है। राज्य सरकार ने 14 सितंबर, 2019 को यह योजना शुरू की। इस दौरान 290 आवेदन आए, जिसमें 144 को पांच लाख की दर से 7.20 करोड़ का भुगतान किया गया। मृतकों के नाम भूमि नहीं होने व अन्य कारणों से 20 दावे खारिज किए गए। एडीएम वित्त एवं राजस्व उमेश कुमार मंगला ने बताया कि धन की कमी से भुगतान नहीं हो रहा है।
बटाइदार को भी मिलेगा लाभ
शासन ने इस योजना का लाभ बटाइदारों को दिए जाने का प्रावधान किया है। कृषि कार्य के दौरान हादसे का शिकार होने वाले किसानों या उनके परिजनों को इस योजना के तहत मदद दी जाएगी। दुर्घटना में मौत होने पर पांच लाख रुपये तक आर्थिक मदद करने का प्रावधान किया गया है।
इन दुर्घटनाओं में मिलती है सहायता
आग में जलने से, बाढ़ में बह जाने से, बिजली गिरने से, करंट लगने से, हत्या, आतंकवादी हमला, डकैती, मारपीट में मौत, यात्रा के दौरान होने वाली घटना, मकान के नीचे दबने की घटना, प्राकृतिक आपदा की वजह से दुर्घटना, चेंबर में गिरने के कारण घटित हादसे में मुआवजा का प्रावधान है।
यह तय है मुआवजा
-दोनों हाथ दोनों पैर न होने पर मिलने वाला मुआवजा : पांच लाख
- एक हाथ व एक पैर की क्षति होने पर मुआवजा: पांच लाख
- एक पैर एक हाथ से विकलांग होने पर : 2 से 3 लाख का मुआवजा
- किसान की मृत्यु हो जाने पर मुआवजा: 5 लाख
- 25 फीसद से अधिक व 50 फीसद से कम दिव्यांगता पर: एक से दो लाख के बीच
- दुर्घटना में आंखें चली जाने पर मुआवजा: पांच लाख