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कुशीनगर के निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में करंट उतरा, कर्मचारी झुलसा- काम ठप Gorakhpur News

कुशीनगर के निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में निर्माण कार्य के दौरान करंट उतर गया जिससे एक कर्मचारी झुलसा गया है। निर्माण कार्य को फ‍िलहाल रोक दिया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 02:32 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 07:41 PM (IST)
कुशीनगर के निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में करंट उतरा, कर्मचारी झुलसा- काम ठप  Gorakhpur News
कुशीनगर के निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में करंट उतरा, कर्मचारी झुलसा- काम ठप Gorakhpur News

कुशीनगर, जेएनएन। कुशीनगर के निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर रविवार की रात करंट उतरने से एक कर्मचारी झुलस गया तो लगभग तीन लाख रुपये मूल्य के उपकरण जल कर नष्ट हो गए। कर्मचारी का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। विद्युतीकरण कार्य में लगे कर्मचारी सुरक्षात्मक उपाय करने की मांग करते हुए कार्य ठप कर दिए हैं। 18 घंटा बाद भी कार्य शुरू नहीं हो सका है।

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घटना के लिए कार्यदायी संस्था व विद्युत विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। एयरपोर्ट अथार्टी से सितंबर माह तक उड़ान के लिए सभी जरूरी कार्य पूर्ण करने के निर्देश के तहत कार्य तेजी से कराया जा रहा है।

एसी व सीसी टीवी कैमरा के विद्युतीकरण के दौरान घटित हुई घटना 

रात लगभग नौ बजे निजी संस्था फरीदाबाद के कर्मचारी अपग्रेड किए जा रहे पुराने टर्मिनल बिल्डिंग में एसी एवं सीसी कैमरा आदि उपकरण लगाने का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान ट्रांसफार्मर से आ रहे एलटी लाइन का केबिल टूटकर 11 हजार वोल्टेज वाले तार पर गिरा, जिससे पूरे परिसर में हाई वोल्टेज करंट उतर गया। एसी लगाने का कार्य कर रहा कंपनी का टेक्निशियन बुद्धिचंद गंभीर रूप से झुलस गया, काफी सामान नुकसान हुए।

कार्यदायी संस्था व विद्युत विभाग लगा रहे एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप 

प्रोजेक्ट इंजीनियर (इलेक्ट्रिक) सुनील तिवारी का कहना है कि सुबह से ही ट्रांसफार्मर पर केबिल ढीला होने के कारण स्पार्किंग हो रहा था। विभागीय अधिकारियों को सूचित किया गया पर फाल्ट ठीक नहीं कराया गया। इसी चलते दुर्घटना हुई है। दूसरी ओर अधिशासी अभियंता विद्युत चंद्रबलि ने बताया कि एयरपोर्ट अथारिटी ने अब तक कनेक्शन नहीं लिया है। बावजूद इसके विभाग सहयोग कर रहा है। कम क्षमता के ट्रांसफार्मर व केबिल से लोड अधिक दिए जाने के कारण वह गल कर नीचे गिर गया। कार्यदायी संस्था ने सुरक्षा के लिए प्रोजेक्ट यूनिट भी नहीं लगाया है। इसमें विभाग की कोई गलती नहीं है।


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