जहरीली शराब कांड : एसआइटी की सफेदपोशों पर भी नजर
कुशीनगर में जहरीली शराब से हुई मौतों के जिम्मेदारों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। एसआइटी की कुछ सफेदपोशों पर भी नजर है।
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले के तरयासुजान शराब कांड की जांच में पहुंची एसआइटी द्वारा लिए गए बयानों से महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना जताई जा रही है। जांच में कुछ सफेदपोश व अधिकारियों के नाम भी सामने आने के कयास लगाए जा रहे हैं। टीम की निगाह शराब लाने व बेचने वालों से लेकर संरक्षण देने वालों पर टिकी हुई है।
एडीजी रेलवे संजय ¨सघल के नेतृत्व में पहुंची टीम ने सभी पहलुओं को खंगाला है। इसको लेकर पुलिस, आबकारी व संबंधित अधिकारी हलकान हैं कि कहीं उनके दामन पर भी छीटें न पड़ जाए। मृतक के परिजनों, ग्रामीणों व चिकित्सकों के बयान के बाद अवैध शराब के धंधेबाजों से जुड़े तार की ओर एसआइटी के बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। बातचीत की काल डिटेल में सफेदपोशों के नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है। इसमें सत्ताधारी दल के बड़े नेता, पदाधिकारी तो पार्टी का लबादा ओढ़े पैसे वाले कुछ नामचीन सामने आ सकते हैं। पहले चरण की जांच के बाद टीम का सारा ध्यान इसी ओर है कि आखिर मौत का सामान बांटने वाला यह बड़ा रैकेट किसकी सरपरस्ती में चल रहा था, जिसके चलते पुलिस व विभाग कार्रवाई से दूर खड़ा रहा। एसआइटी के कसते शिकंजे से ऐसे सफेदपोशों को कार्रवाई का भय सता रहा है। पकड़े गए मुख्य आरोपित हरेन्द्र यादव द्वारा दो सफोदपोशों के नाम लेने की भी चर्चा है।
यह है मामला
तरयासुजान थाना क्षेत्र के जवहीं दयाल में पांच फरवरी को कच्ची शराब पीने से मौत का सिलसिला शुरू हुआ तो तीन दिनों में तीन गांव के नौ लोगों की मौतें हो गईं। आइजी ने पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया। सीओ व थानाध्यक्ष निलंबित हुए। जिला आबकारी अधिकारी, आबकारी निरीक्षक व विभाग के तीन सिपाही शासन द्वारा निलंबित किए गए।
दोषी अब बचेगा नहीं : डीएम
इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ¨सह का कहना है कि एसआइटी अपना काम कर रही है। हमारी कोई दखल नहीं है। इतना तय है कि शराब कांड में जो भी शामिल होगा, बचेगा नहीं। पुलिस व प्रशासनिक अमला भी अपना काम कर रहा है।