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कुमार विश्‍वास ने बिखेरा जलवा, कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, पर झूमे दर्शक Gorakhpur News

प्रख्यात कवि डाक्टर कुमार विश्वास ने कपिलवस्तु महोत्सव में साहित्य व्यंग्य राजनीति के अलग-अलग रंग की कविताएं प्रस्तुत करके श्रोताओं को झूमने को मजबूर कर दिया। विश्वास ने स्टेज संभालते ही अपनी मशहूर कविता कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है सुनाकर दर्शकों को गुदगुदाया।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 10:30 AM (IST)
कुमार विश्‍वास ने बिखेरा जलवा, कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, पर झूमे दर्शक Gorakhpur News
महोत्सव में आयोजित सम्मेलन में कविता पढ़ते कुमार विश्वास। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : प्रख्यात कवि डाक्टर कुमार विश्वास ने कपिलवस्तु महोत्सव में साहित्य, व्यंग्य, राजनीति के अलग-अलग रंग की कविताएं प्रस्तुत करके श्रोताओं को झूमने को मजबूर कर दिया। कश्मीर पर उनकी कविता - मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे वतन। मेरे वेदों के संस्कृत के व्याकरण की कसम, खुबानी सेब जैसे मीठे आचरण की कसम, तेरी कुर्बानी में डूबी हुई सदियों की कसम, तेरे पर्वत से उतरती हुई नदियों की कसम, गुल के गुलफाम के गुलशन के बहारों की कसम, तेरी डल झील के उन सारे शिकारों की कसम, आ गिले शिकवे करें मिल के आज दफन, ने पांडाल को तालियां की गड़गड़ाहट से गुंजा दिया। डा. कुमार विश्वास ने स्टेज संभालते ही अपनी मशहूर कविता कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, सुनाकर दर्शकों को गुदगुदाया। जैसे जैसे समय बीतता गया उनके साहित्यिक तरकश से विभिन्न रसों में डूबी कविताओं के बाण निकल कर दर्शकों के दिल को घायल करते रहे।

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उसे जिद थी झुकाओ सर, तभी दस्तार बख्शूंगा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना जब उन्होंने उसे जिद थी झुकाओ सर, तभी दस्तार बख्शूंगा, मैं अपना सिर बचा लाया, महल और ताज उस पर है, प्रस्तुत की तो दर्शकों ने तालियां बजा कर उनका हौसला बढ़ाया।

प्रधानमंत्री पर कसा तंज

प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि रात आठ बजे टीवी पर आने में डर लग जाए। जीएसटी पर भी वार किया। बजट की बेहतर प्रतिक्रिया के लिए कहा कि यदि सरकार के पक्ष में सुनना हो तो जी टीवी खोल लीजिए, विरोध में एनडी टीवी, कविताओं के दौर के बीच उन्होंने मुरली मनोहर जोशी, लाल कृष्ण आडवाणी पर भी रचनाएं सुनाईं तो दर्शकों ने तालियां बजाईं।

फिराक गोरखपुरी, महादेवी वर्मा को किया याद 

कुमार विश्‍वास ने फिराक गोरखपुरी, महादेवी वर्मा को याद किया तो नाथ परंपरा का जिक्र भी श्रद्धा के साथ किया। देर रात तक चली महफिल में दर्शकों ने जमकर साहित्य लहरियों का लुत्फ उठाया। बेसिक शिक्षामंत्री डाक्टर सतीश द्विवेदी, सांसद जगदम्बिका पाल, सदर विधायक श्यामधनी राही, डीएम दीपकमीणा, एसपी राम अभिलाष त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। कवि अभिषेक विरल, विकास गौतम,चारु सिंह, गजेंद्र प्रियांशु आदि ने भी कविता पढ़कर दर्शकों से खूब वाहवाही लूटी।


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