जानें, यूपी के राज्य कर्मचारी 17 साल बाद क्यों बता रहे हैं- 'बिना दहेज लिए की है शादी'
यूपी सरकार ने 2004 के बाद शादी करने वाले कर्मचारियों को इस बात का घोषणा पत्र देने को कहा गया है कि उन्होंने शादी के समय दहेज लिया था या नहीं। पिछले 15 दिन में कलेक्ट्रेट एवं तहसीलों के करीब 534 कर्मचारी अब तक घोषणा पत्र दे चुके हैं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के बीच एक शासनादेश काफी चर्चा में है। इसके जरिए 2004 के बाद शादी करने वाले सभी कर्मचारियों को इस बात का घोषणा पत्र देने को कहा गया है कि उन्होंने शादी के समय दहेज लिया था या नहीं। पिछले 15 दिन में कलेक्ट्रेट एवं तहसीलों के करीब 534 कर्मचारी अब तक घोषणा पत्र दे चुके हैं।
प्रतिदिन 15 से 20 कर्मचारी भर रहे हैं घोषणा पत्र
कई कर्मचारियों ने 17 साल बाद यह दावा किया है कि उन्होंने बिना दहेज लिए ही शादी की है। कर्मचारियों के साथ ही यह जानकारी अधिकारियों को भी देनी है। यह घोषणा न करने वाले कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही भी हो सकती है इसलिए सभी कर्मचारी इस कार्य को प्राथमिकता पर कर रहे हैं। प्रतिदिन करीब 15 से 20 कर्मचारी घोषणा पत्र अपने विभागाध्यक्ष के पास जमा कर रहे हैं।
एक-दूसरे की चुटकी लेने में भी जुटे कर्मचारी
घोषणा पत्र जमा करने के बाद कर्मचारी आपसी बातचीत में एक-दूसरे की चुटकी लेने में भी जुटे हैं। एक-दूसरे पर टिप्पणी करते हुए उनकी शादी के दिन को याद कर रहे हैं और उस समय की घटनाओं की चर्चा करते हुए याद दिलाने से नहीं चूक रहे कि शादी के बाद किसके घर कितना सामान गया था। जिसके बारे में यह चर्चा हो रही है वह भी पलटवार करने में नहीं चूक रहा। चुटकी लेने वाले कर्मचारी के शादी का किस्सा बता वह भी अपना बदला पूरा कर रहा है। जिन कर्मचारियों की हाल की नियुक्ति है और अभी तक शादी नहीं हुई है, वे भी चर्चा में हैं। पुराने कर्मचारी यह कहकर चुटकी ले रहे हैं कि उन्हें तो कुछ मिल गया लेकिन नए लोगों का क्या होगा।
पुरानी पेंशन के लिए कर्मियों ने भरी हुंकार
कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के तत्वावधान में शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना देकर पुरानी पेंशन के लिए हुंकार भरी। कर्मचारियों ने कहा कि चार साल से सरकार ने कोई मांग नहीं मानी है। सरकार को अब पुरानी पेंशन बहाली सहित सभी मांगों को जल्द पूरा करना होगा। मांगें न मानने पर 30 नवंबर को लखनऊ में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। धरने के बाद मंच के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा। धरने में उपस्थित शिक्षकों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष राजेश धर दुबे ने कहा कि लंबे समय से कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार यह मांग नहीं मान रही है। प्रधान महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि यदि सरकार ने संगठन के नेतृत्व से वार्ता कर हमारी मांग नहीं मानी तो भविष्य में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।