जानिए, सीएम योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर का यह दौरा क्यों है खास Gorakhpur News
गोरखनाथ मंदिर में महंत दिग्विजयनाथ की 125वीं जयंती और महंत अवेद्यनाथ की जन्मशताब्दी व 5वीं पुण्यतिथि समारोह का शुभारंभ करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंच चुके हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 125वीं जयंती व 50वीं पुण्यतिथि और महंत अवेद्यनाथ की जन्मशताब्दी व 5वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में सात दिनी विशेष समारोह गुरुवार से शुरू हो रहा है। गोरखनाथ मंदिर की परंपरा का हिस्सा बन चुके इस आयोजन में भाग लेने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को ही पहुंच चुके हैं। गुरुवार से अगले सात दिनों तक अलग-अलग विषयों पर विशिष्ट व्याख्यान होंगे। जबकि 17 और 18 को प्रस्तावित विशेष कार्यक्रमों क्रमश: पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति होगी। सीएम योगी स्वयं इन सभी कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग करेंगे।
गोष्ठी भी होगी
गुरुवार को औपचारिक शुभारंभ के अवसर पर उद्घाटन के बाद 'राष्ट्रीय पुनर्जागरण यज्ञ व संत समाज' विषय पर संगोष्ठी होगी। यहां मुख्य अतिथि के तौर पर जबलपुर के सिद्ध संत स्वामी डॉ.श्यामदास मंचासीन रहेंगे जबकि मुख्य वक्ता अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.सतीश चंद्र मित्तल होंगे। विशिष्ट वक्तव्य प्रो. रामअचल सिंह का होगा। सभी कार्यक्रम में मंदिर परिसर स्थित दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार सुबह 10:30 बजे से शुरू होंगे। समारोह में भागीदारी के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से संत-महंत जन के आगमन का सिलसिला जारी है।
17 व 18 को होंगी श्रद्धांजलि सभाएं
आयोजन के अंतिम दो दिन यानी 17 सितंबर को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और 18 सितंबर को महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। 17 सितंबर के कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और 18 सितंबर के आयोजन में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की गरिमामयी मौजूदगी होगी। महंत दिग्विजयनाथ की श्रद्धांजलि सभा में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य मुख्य अतिथि होंगे तो महंत अवेद्यनाथ की श्रद्धांजलि सभा में महंत नृत्यगोपाल दास का विशिष्ट उद्बोधन होगा।
श्रद्धांजलि समारोह इनकी होगी विशिष्ट मौजूदगी
समारोह में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य, जगद्गुरु डॉ.स्वामी श्यामदास, स्वामी गोपाल, महंत सुरेशदास, महंत नारायण गिरि, स्वामी विधाचैतन्य, महन्त सुरेंद्र नाथ, डा. राम विलास वेदांती, महंत शिवनाथ, महंत राममिलन दास, महंत शांतिनाथ महंत शेरनाथ, महन्त बालकनाथ, गौ सेवक प्रहलाद ब्रह्मचारी, उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. श्याम नन्दन, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. सतीश चन्द्र मित्तल, पूर्व सांसद वसवराज पाटिल, उप्र गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अतुल सिंह, उप्र उ'चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा आदि की विशिष्ट सहभागिता होगी।
संगोष्ठियों का ऐसा है कार्यक्रम
12 सितंबर को 'राष्ट्रीय पुनर्जागरण यज्ञ व संत समाज' विषय पर अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के अध्यक्ष प्रो. सतीश चंद्र मित्तल का विशेष उद्बोधन होगा जबकि जबलपुर के सिद्ध संत स्वामी डॉ. श्यामदास मुख्य अतिथि होंगे। इसी तरह 13 सितंबर को 'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व संस्कृत' विषय पर विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का विशिष्ट व्याख्यान होगा जबकि 14 सितंबर का विषय 'सामाजिक समरसता और संत समाज' है। 15 सितंबर की संगोष्ठी का विषय 'सनातन संस्कृति में गो-सेवा का महत्व' है, जहां प्रो.श्याम नंदन, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश गो-सेवा आयोग का विशेष वक्तव्य होना है तो 16 सितंबर को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत 'जल है तो कल है' थीम पर अपनी बात रखेंगे।