जानिए कौन है जो बाग लगाकर हरियाली को दे रहे बढ़ावा Gorakhpur News
महराजगंज के सोंधी निवासी डा. ओमप्रकाश चौधरी ने जल संचय करने का संकल्प लिया और अपने घर के बगल ही दरवाजे पर एक एकड़ 40 डिसमिल में तालाब खोदवाकर जल से परिपूर्ण कर मछली पालन व दो एकड़ में बाग लगाकर हरियाली के क्षेत्र में भी बढ़ावा दे रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : जल बिन सब जग सूना, जल नहीं तो धरती पर कल संभव नहीं है, जिसे लेकर महराजगंज जिले के सोंधी निवासी डा. ओमप्रकाश चौधरी ने जल संचय करने का संकल्प लिया और अपने घर के बगल ही दरवाजे पर एक एकड़ 40 डिसमिल में तालाब खोदवाकर जल से परिपूर्ण कर मछली पालन व दो एकड़ में बाग लगाकर हरियाली के क्षेत्र में भी बढ़ावा दे रहे हैं। साथ ही लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
नीचे चला गया जलस्तर
लक्ष्मीपुर विकास खंड के सोंधी निवासी सरदार पटेल इंटर कालेज प्रबंधक डा. ओमप्रकाश चौधरी कहते हैं कि एक दशक पहले से नहर में पानी आना बंद हो गया था। इसके कारण जल का स्तर नीचे चला गया। इस कारण गर्मी के समय पशु पक्षियों को जल संकट उत्पन्न होने लगा। जल की किल्लत देख मेरे पिताजी ने एक तालाब खोदवाने का उपाय बताया, जिसको खोदवाते समय मेरे विचार में आया कि इसके साथ भूमि उपलब्ध होने के कारण दो एकड़ में बाग भी लगा दिया।
बाग से हरियाली, छाया व मिल रहा शुद्ध आक्सीजन
वर्तमान में पेड़ भी बड़े हो गए हैं। बाग से पूरे गांव में लोगों को हरियाली के साथ छाया व शुद्ध आक्सीजन मिल रहा है। तालाब में जानवरों व पक्षियों के लिए पानी की कमी नहीं रहती है। साथ ही मछली भी एक आमदनी का जरिया बन गई। जल संरक्षण के लिए एक सोलर पंप लगाया गया है।
जल को बचाएंं, इसे बर्बाद न होने दें
डा. ओमप्रकाश चौधरी कहते हैं कि गिरते हुए जल स्तर का कारण कहीं न कही पेड़-पौधों का कटना भी है। इस समय आक्सीजन की कमी किसी से छिपी नहीं है। हर किसी को धरती पर जल बचाने के लिए जल संचय पर विचार करने के साथ हर व्यक्ति को प्रति वर्ष दस पौधा अवश्य लगाना चाहिए, जिससे धरती पर भविष्य में जल संकट उत्पन्न न हो सके।