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सतरंगी माहौल में चरम पर पहुंचा खिचड़ी मेला

गोरखपुर : मकर संक्रांति व खिचड़ी मेला के मद्देजनर गोरखनाथ मंदिर का माहौल सतरंगी हो गय

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 11:02 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jan 2018 11:02 PM (IST)
सतरंगी माहौल में चरम पर पहुंचा खिचड़ी मेला
सतरंगी माहौल में चरम पर पहुंचा खिचड़ी मेला

गोरखपुर :

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मकर संक्रांति व खिचड़ी मेला के मद्देजनर गोरखनाथ मंदिर का माहौल सतरंगी हो गया है। मेला परिसर में तरह-तरह के झूले, चर्खी, जादू, सौंदर्य प्रसाधन, घरेलू सामानों, खाजा व चाट-पकौड़े की दुकानें सज गई हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए दुकानदारों ने आम आदमी को ध्यान रखकर सामानों की खेप मंगाई है। मकर संक्रांति से एक दिन पहले बड़ी संख्या में लोग मेले में पहुंचे और जमकर लुत्फ उठाया।

अलग-अलग दुकानों में रोजमर्रा की जरूरत की करीब हर चीज लोगों के जेब के अनुसार मौजूद हैं। लोगों ने रविवार को जमकर खरीदारी की। मेले में बज रहे गीत, चर्खियों व झूलों के हार्न पूरी आवाज के साथ लोगों का ध्यान अपनी ओर खीच रहे हैं। जगह-जगह लगे हैरतंगेज कारनामों के पोस्टर लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। मेले में झूले का आकर्षण भी खूब है। मेले में कई प्रकार के झूले लगाए गए हैं। बच्चे व बड़े उनका आनंद ले रहे हैं। इलाहाबाद से ब्रेक डांस व ड्रैगन, बहराइच से ज्वाइंट ह्वील, मऊ से सेलेम्बो, शाहजहांपुर से टोरा-टोरा तथा रायबरेली से सर्कस आया हुआ है। साथ ही जादू का शो भी लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। बच्चों के लिए जंपिंग मिक्की माउस है तो निशाना साधने के लिए बंदूक व गुब्बारे भी उपलब्ध हैं। सौंदर्य प्रसाधन, क्राकरी, शीशे, बर्तन व छोटे-बड़े घरेलू सामानों की भी तमाम दुकाने हैं। मेले में लगा फोटो स्टूडियो भी लोगों का ध्यान खींच रहा है। मोबाइल होने के बावजूद लोग इन स्टूडियों में फोटो खिंचवाकर अपने मेला भ्रमण को यादगार बना रहे हैं।

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लुभा रहे खानपान के स्टाल

खान-पान के अनेक स्टाल लगे हुए हैं। पाव-भाजी, बर्गर, डोसा, चाउमिन, खजला और गरम-गरम जलेबी-इमरती भी आपको यहां मिल जाएगी। खान-पान व चाय-नाश्ते की बड़ी दुकानें लगी हैं तो छोटी-छोटी चाट-पकौड़ी की दुकानें भी सजी हुई हैं। ठेला लेकर कोई सोनौली से आया है तो कोई कानपुर से। कोई महराजगंज से है तो बहराइच से। आसपास के इलाकों के लजीज व्यंजन यहां ठेले से लेकर बड़ी दुकानों पर उपलब्ध हैं।

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कौतूहल का विषय है मौत का कुंआ

मुजफ्फरपुर से 'मौत का कुंआ' का खतरनाक खेल लेकर अशरफ भाई आए हैं। यह मेले में शुरू हो चुका है। लकड़ी का कुंआ बनाया गया है। छह मोटर साइकिलें व दो कारें एक साथ कुएं की दीवार पर फर्राटे से दौड़ रही हैं। तेज गति से दीवार पर दौड़ रही कारें व मोटरसाइकिलें लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई हैं। यह खेल जितना खतरनाक है, कलाकार भी उतने ही प्रशिक्षित। दीवार के नीचे से लेकर ऊपर तक वे मोटर साइकिलों को न सिर्फ दौड़ा रहे हैं बल्कि हैंडल छोड़कर दोनों हाथों से दर्शकों को नमस्ते भी कर रहे हैं। एक बार में लगभग 20 मिनट तक चलने वाला यह खतरनाक खेल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।


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