संतकबीरनगर में खलीलाबाद के जेई ने हरिहरपुर के एसडीओ को जमकर पीटा
संतकबीर नगर जिले में खलीलाबाद टाउन के अवर अभियंता (जेई) ने हरिहरपुर के एसडीओ को उनके कक्ष में 27 दिसंबर को जमकर पीटा। एसडीओ व जेई ने एक-दूसरे के खिलाफ कोतवाली खलीलाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संतकबीर नगर जिले में खलीलाबाद टाउन के अवर अभियंता (जेई) ने हरिहरपुर के एसडीओ को उनके कक्ष में 27 दिसंबर को जमकर पीटा। एसडीओ व जेई ने एक-दूसरे के खिलाफ कोतवाली खलीलाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। फिलहाल देर शाम तक पुलिस ने किसी भी पक्ष की तरफ से मुकदमा दर्ज नहीं किया है। वहीं जूनियर इंजीनियर संघ ने बैठक कर यह निर्णय ले लिया कि जब तक इस एसडीओ का तबादला नहीं होगा, तब तक जिले के सभी अवर अभियंता सरकारी कार्य का बहिष्कार करेंगे।
10-12 लोगों के साथ हमला करने का आरोप
विद्युत उपकेंद्र हरिहरपुर के एसडीओ विवेक पांडेय ने कहा कि वह खलीलाबाद शहर स्थित अपने कार्यालय के कक्ष में दोपहर में करीब बारह बजे बैठे हुए थे। इसी दौरान खलीलाबाद टाउन के जेई अश्वनी पांडेय 10 से 12 लोगों के साथ उनके कक्ष में घुस गए। उनके कमरे का दरवाजा बंद कर दिया। इसके पश्चात इन लोगों ने मुझे धक्का देकर कुर्सी से नीचे गिरा दिया। इसके बाद ये लोग उन्हें घूसा-लात से मारने-पीटने लगे। इससे उन्हें काफी चोटें आई। ये उनके उप खंड में कार्य भी नहीं करते हैं। इसके बाद भी इन्होंने ऐसी घटना को अंजाम दिया है।
जेई ने भी एसडीओ पर लगाया मारपीट करने का आरोप
वहीं खलीलाबाद टाउन के जेई अश्वनी पांडेय का कहना है कि उनके क्षेत्र के कुछ उपभोक्ताओं के एक की बजाय दो-दो बिजली बिल आ रहे हैं। इसमें एक उनके शहर का हैं जबकि दूसरा देहात का। उपभोक्ताओं की समस्या को दूर करने के लिए वह सहयोगी कर्मियों के साथ एसडीओ से मिलने उनके कक्ष में पहुंचे थे। एसडीओ ने उनकी जुबानी उपभोक्ताओं की समस्या सुनने के बजाय उन्हें अपशब्द कहने लगे। एसडीओ के पावर को समझते हुए फौरन कक्ष से बाहर निकलने को कहे। जब उन्होंने कहा कि समस्या सुन लीजिए। इस पर वह अपने सहयोगियों के साथ उन्हें मारने-पीटने लगे। इससे उन्हें काफी चोट आई हैं।
एसडीओ का आचरण अमर्यादित
राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संघ के जिलाध्यक्ष वीके शुक्ल ने कहा कि हरिहरपुर के एसडीओ के अमर्यादित आचरण से बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारी से लेकर उपभोक्ता तक दुखित हैं। वह किसे-कब क्या कह देंगे और क्या बर्ताव करेंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता। तत्कालीन डीएम रवीश गुप्त ने इनकी कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर उन्हें यहां से हटाने के लिए शासन के पास कई बार डीओ लेटर भेजा था लेकिन इसके बाद भी वह यहां जमे हुए हैं। जब तक एसडीओ का तबादला नहीं हो जाता, तब तक उनके संगठन से जुड़े सभी जेई सरकारी कार्य का बहिष्कार करेंगे।