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अटल काव्यांजलिः छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता

छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता सीएम योगी आदित्यनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी की पंक्तियों से प्रेरणा लेकर आगे बढऩे की सलाह दी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 07:36 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 11:46 PM (IST)
अटल काव्यांजलिः छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता
अटल काव्यांजलिः छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता

गोरखपुर(जेएनएन)। 'छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता' पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की इन पंक्तियों से प्रेरणा लेकर युवाओं को विकास के पथ पर आगे बढऩे की सलाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है। वह रविवार को अटल की प्रथम मासिक पुण्यतिथि पर आयोजित काव्यांजलि समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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योगी ने कहा कि बीते एक दशक से अटलजी स्वास्थ्य कारणों से सार्वजनिक जीवन में नहीं थे, बावजूद इसके उनके निधन ने सभी को स्तब्ध कर दिया। जिन्होंने उन्हें देखा व सुना था वे तो दुखी हुए ही, जो उन्हें नहीं देख सके वे भी दुखी हुए। उन्होंने नई पीढ़ी से अपील की कि वे अटल जी के व्यक्तित्व व कृतित्व से पे्ररणा लेकर खुद को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करें। उन्होंने कहा कि अटलजी का जीवन राष्ट्र को समर्पित था। यही वजह थी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ वह हर वर्ग को बिना किसी भेदभाव के देने के न केवल पक्षधर थे बल्कि अपने नेतृत्व काल में उन्होंने ऐसा किया भी। अटलजी कवि हृदय व्यक्ति थे, इसलिए संवेदनाओं का उनमें विशाल भंडार था। इसी वजह से उनका कवि हृदय प्रत्येक व्यक्ति के लिए सोचता था।

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के 403 और देश के 4300 स्थानों पर अटल जी की पहली मासिक पुण्यतिथि पर काव्यांजलि कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। अटल जी चूंकि राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक संजीदा कवि भी थे, इसलिए काव्यांजलि के माध्यम से उन्हें साहित्यिक श्रद्धांजलि अर्पित करने का निर्णय लिया गया।

कार्यक्रम और कवियों की रचनाओं को सराहा

काव्यांजलि कार्यक्रम के दौरान काव्यपाठ सुनकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भावुक हो उठे। अपने संबोधन में उन्होंने कवियों की भावपूर्ण रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की साथ कार्यक्रम के बेहतरीन आयोजन के लिए आयोजकों की पीठ भी थपथपाई। अपने भावुक संबोधन में मुख्यमंत्री ने यह कहकर कार्यक्रम का मान और बढ़ा दिया कि यह आयोजन लखनऊ में अटलजी की याद में आयोजित उस आयोजन से ज्यादा भावपूर्ण और प्रभावी था, जिसमें फिल्म जगत के पेशेवर गायकों, लेखकों और गीतकारों ने हिस्सा लिया था।

कवियों ने अटल व उनसे जुड़ी अपनी रचनाओं का किया पाठ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में आयोजित अटल स्मृति काव्यांजलि कार्यक्रम में कवियों ने अटल जी की कविताओं के साथ-साथ उनसे जुड़ी खुद की रचनाओं का पाठ किया और उन्हें साहित्यिक श्रद्धांजलि दी। संचालन करते हुए कवि राजेश राज ने 'अटल नहीं यहां कोई यहां, मानव हो या संत, पंछी पिंजरा छोड़कर कह उड़ चला अनंत' सुनाकर पूर्व प्रधानमंत्री के विराट व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। खुर्शीद आलम कुरैशी की रचना 'कौन कहता है मर गया है अटल, बनके खुशबू बिखर गया है अटल' ने माहौल में अटल की यादों की खुशबू बिखेर दी। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में उपस्थित लोगों को स्क्रीन पर अटल जी द्वारा कविता पाठ की रिकार्डिंग दिखाई गई, जिससे माहौल अटलमय हो गया। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री के हाथों कवियों को सम्मानित भी किया गया।


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