Move to Jagran APP

UP के इस जिले में कस्तूरबा के शिक्षकों की नौकरी खतरे में, शासन को भेजी गई रिपाेर्ट

गोरखपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत बहुत से शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। इस संबंध में शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 08:10 AM (IST)
UP के इस जिले में कस्तूरबा के शिक्षकों की नौकरी खतरे में, शासन को भेजी गई रिपाेर्ट
UP के इस जिले में कस्तूरबा के शिक्षकों की नौकरी खतरे में, शासन को भेजी गई रिपाेर्ट

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कार्यरत 45 शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। इनमें विद्यालय में एक विषय में एक से अधिक, निर्धारित विषयों के अतिरिक्त शिक्षक तथा फुल टाइम की जगह पार्ट टाइम व पार्ट टाइम की जगह फुल टाइम कार्यरत शिक्षकों की संविदा का नवीनीकरण नहीं होगा। ऐसे में इनकी नौकरी जानी तय है। जनपद के 20 कस्तूरबा विद्यालयों में 21 शिक्षक मुख्य विषय के पार्ट टाइम तथा पाठ्य सहगामी विषयों के 24 फुल टाइम शिक्षक हैं, जिनका शासन के निर्देशानुसार संविदा का नवीनीकरण नहीं होगा। पूरे प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या 1781 है।

prime article banner

यह है पूरा मामला

गोरखपुर जनपद की बात करें तो आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के अनुसार मुख्य विषय हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विषय व अंग्रेजी के शिक्षक फुल टाइम होने चाहिए। इसी प्रकार पाठ्य सहगामी विषयों के (शारीरिक शिक्षा, कंप्यूटर, कला क्राफ्ट व गृह विज्ञान) के शिक्षक पार्ट टाइम होने चाहिए। जबकि जनपद के कस्तूरबा विद्यालयों में मुख्य विषय के 21 शिक्षक पार्ट टाइम तथा पाठ्य सहगामी विषयों के 24 फुल टाइम शिक्षक हैं। जिनका शासन के निर्देशानुसार संविदा का नवीनीकरण नहीं होगा।

शासनादेश के अनुसार इस संबंध में विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इनका संविदा अनुबंध आगे विस्तारित नहीं किया जाएगा। - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए

गोरखुपर के 83 स्कूलों में तैनात हैं 438 शिक्षक व कर्मचारी

कस्तूरबा की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला प्रकरण के भंडाफोड़ के बाद से शासन स्तर से बेसिक शिक्षा विभाग में हुई नियुक्तियों से संबंधित एक-एक कर रिपोर्ट मांगी जा रही है।इसी क्रम में गत दिनों पिछले पांच सालों में तैनात शिक्षकों व कर्मचारियों की रिपोर्ट तलब की थी, जिसे आनन-फानन में तैयार कर बीएसए ने शासन को भेज दिया है। विभाग द्वारा भेजे गए रिपोर्ट में जनपद में 83 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 438 शिक्षक व कर्मचारी तैनात हैं, जिनका ब्योरा बीएसए ने शासन को भेज दिया है। अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद से ही आगरा विश्वविद्यालय, संस्कृत विश्वविद्यालय से उपाधि हासिल करने वाले शिक्षक शासन के रडार पर हैं। जिला स्तर पर कस्तूरबा बालिका, अनुदेशक, शिक्षामित्र सभी के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा रहा है। इसके साथ ही शिक्षकों के लिए मानव संपदा पोर्टल पर ब्योरा अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है। फर्जीवाड़े की जड़े अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों तक होने की आशंका में शिक्षकों-कर्मचारियों के रिकार्ड शासन ने तलब किए हैं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि शासन ने अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में वर्ष 2015 के बाद नियुक्ति हासिल करने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई थी। रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK