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नुक्कड़ नाटक के माध्यम से धरती बचाने की अलख जगा रहा कश्मीर का नौजवान Gorakhpur News

कश्मीर का एक युवक गांव-गांव घूमकर पर्यावरण संरक्षण का अलख जगा रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 06:19 AM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 06:19 AM (IST)
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से धरती बचाने की अलख जगा रहा कश्मीर का नौजवान Gorakhpur News
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से धरती बचाने की अलख जगा रहा कश्मीर का नौजवान Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन : जहां कश्मीरी नौजवानों के बारे में देश में तरह-तरह की धारणा व्याप्त हैं, वही इस कश्मीरी को तो धरती बचाने की लगन लग गई है। मुंबई के फिल्मी दुनिया से जुड़ा यह शख्स इस समय गांव की गलियों में घूम कर धरती बचाने की गुहार लगा रहा है। पर्यावरणीय क्षति से बेचैन धरती को चैन दिलाने की जुगत में है । लोग इस यायावर की नाटकीय अंदाज में कही गई बात को बड़े गंभीरता से सुन रहे हैं,तथा आत्मसात करने का भरोसा भी दिला रहे हैं। कश्मीरी मूल के वरयाम सम्राट स्व लिखित एकल नाटक धरती का मंचन सिद्धार्थनगर जनपद के चौराहों, बाजार, नुक्कड़ व विद्यालयों में कर बिगड़ते पर्यावरण की बारीकियों को जहां समझा रहे हैं, वहीं अब तक हुए इसके दुष्प्रभाव को भी लोगों को बता रहे हैं। यही नहीं कारणों के साथ इसके निवारण का भी संदेश वरयाम अपने नाटक से दे रहे हैं। उनके नाटकीय अंदाज का लोगों पर अच्छा खासा असर इसलिए भी पड़ रहा, क्योंकि वह अच्छे खासे गायक भी हैं । अपने मधुर गीतों से वह लोगों का मन मोह रहे हैं। क्षेत्र के बरगदवा स्थित शिवाजी इंटर कॉलेज, मिठवल के राम मिलन चौरसिया इंटर कॉलेज, डाक्टर मिथिलेश मणि त्रिपाठी डिग्री कॉलेज तथा पथरा बाजार ,गौरागढ़ ,टेढिया चौराहा, भग्गोभार, कोटिया गड़ोरी व गौरा पचपेड़वा आदि स्थानों पर इन्होंने पुरजोर तरीके से अपना संदेश पहुंचाया है। रामराज ¨सह, सीताराम चौहान, श्रीपति अग्रहरी ,आशुतोष मणि त्रिपाठी ,सुधाकर मणि त्रिपाठी, साकेत मणि त्रिपाठी, गिरींद्र ¨सह आदि ने इसे एक अनूठी पहल बताया तथा ऐसे प्रचार प्रसार को समय की मांग कहां है।

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फिल्मी दुनिया से जुड़े हैं वरयाम सम्राट

गोला बारूद से इतर बचपन में चरवाहे के रूप में कश्मीर के गांव के सिवानों में अपना मधुर राग अलापने वाले वरयाम फिल्मी दुनिया से भी जुड़े हैं। यह फिल्म एवं टेलीविजन रायटर्स एसोसिएशन व डायरेक्टर एसोसिएशन के सदस्य भी हैं। एक दर्जन से अधिक थियेटर में काम कर चुके हैं तथा कई फिल्म और सीरियल में अभिनय भी कर चुके हैं। दो दर्जन नाटकों का लेखन भी कर चुके हैं। उनका धरती नाम का नाटक खासा लोकप्रिय है। फिल्मों में सहायक निर्देशक के तौर पर भी इन्होंने काम किया है। आधा दर्जन फिल्मी गानों को अपनी सुरीली आवाज भी दे चुके हैं।


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