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बृहस्पति व शनि की युति खड़ी करेगी नई मुश्किल, बचाव नहीं हुआ तो भारी पड़ेगा कोरोना

बृहस्पति और शनि की युति कोरोना रूपी महामारी को ताकत देगी। हालांकि कृषि खासकर गन्ने की फसल अच्छी होने के संकेत हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि व बृहस्पति शत्रु हैं। इसलिए इन दोनों ग्रहों के संघर्ष का प्रभाव समाज व राजनीति पर सीधा पड़ेगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 05:55 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 07:38 PM (IST)
बृहस्पति व शनि की युति खड़ी करेगी नई मुश्किल, बचाव नहीं हुआ तो भारी पड़ेगा कोरोना
शनि व बृहस्पति की युति लोगों को परेशान करेगी। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। बृहस्पति अपनी राशि परिवर्तन कर मकर में जाकर नीच का हो गया है। वहां शनि पहले से स्वगृही होकर बैठा है। दोनों की युति से अपमान योग बन रहा है, जो अशुभता की वृद्धि करेगा। यदि बचाव नहीं किया गया तो यह युति कोरोना रूपी महामारी को ताकत देगी। हालांकि कृषि, खासकर गन्ने की फसल अच्छी होने के संकेत हैं।

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ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बृहस्पति किसी भी राशि में 13 माह विचरण करता है। शुक्रवार को वह धनु से मकर में प्रवेश कर गया। मकर, शनि की राशि है, उसमें शनि पहले से बैठा है। शनि व बृहस्पति शत्रु हैं। इसलिए इन दोनों ग्रहों के संघर्ष का प्रभाव समाज व राजनीति पर सीधा पड़ेगा। अशुभता में वृद्धि होगी, जो कोरोना रूपी महामारी को ताकत देगी। हालांकि पांच अप्रैल को बृहस्पति कुंभ में जाएगा 20 जून से 18 अक्टूबर तक वक्री रहेगा। 18 अक्टूबर को पुन: मकर में लौट आएगा। इस दौरान थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन कुंभ भी शनि का ही घर है, इसलिए बहुत ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती।

ज्योतिषाचार्य पं. नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार बृहस्पति व शनि की युति से शुभता में कमी आएगी। कोरोना का प्रसार बढ़ सकता है। शांति वार्ताएं विफल होंगी। मांगलिक कार्यों में अड़चनें आ सकती हैं। आम आदमी मानहानि का शिकार होगा, पीड़ा महसूस करेगा। मधुमेह रोगियों की परेशानी बढ़ेगी। सावधान रहें, उनका वजन बढ़ सकता है। बाजार की गति मंद रहेगी।

ज्योतिषाचार्य पं. हृदय नारायण शुक्ल के अनुसार बृहस्पति व शनि की शत्रुता का दंश आम जन झेलेगा। राजनीतिक क्षेत्र में इसका प्रभाव ज्यादा होगा। दो दलों व एक ही दल के दो सदस्यों के बीच सामंजस्य की कमी उत्पन्न हो सकती है। राज्य में अनुशासन बना रहेगा। राज्य के कठोर नियमों से विद्वत वर्ग परेशानी महसूस कर सकता है। कृषि से संबंधित कार्यों में लाभ होगा।

बचाव के उपाय

भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। व्रत रहें। बृहस्पति के मंत्र 'ऊं बृं बृहस्पतये नम:Ó का 102 बार प्रतिदिन जप करें। सकारात्मक विचार रखें। विवाद को टालने की कोशिश करें।

राशियों पर प्रभाव

मेष - व्यावसायिक स्थिति मध्यम, स्वास्थ्य पर ध्यान दें। सीने में विकार संभव।

वृष - शुभता में वृद्धि, धर्म-कर्म में मन लगेगा। मांगलिक कार्य होंगे।

मिथुन - दांपत्य जीवन में परेशानियां बढ़ेंगी। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें।

कर्क - व्यावसायिक सफलता। नए संबंध बनेंगे। दांपत्य जीवन बेहतर होगा।

सिंह - संतान पक्ष से परेशानी। निर्णय लेने की क्षमता में ह्रास।

कन्या - विद्यार्थियों के लिए उत्तम समय। प्रेमपूर्ण होंगे। संतान की दृष्टि से शुभता।

तुला - मां के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। घर में कलह व सीने में विकार संभव।

वृश्चिक - व्यवसाय में सुधार। भाई व मित्रों से लाभ। संतान पर ध्यान दें।

धनु - स्वास्थ्य व परिवार संबंधी परेशानी। धनागमन बना रहेगा।

मकर - खट्टा-मीठा अनुभव, मधुमेह रोगी सावधान रहें।

कुंभ - शुभ कार्यों में अत्यधिक खर्च।

मीन - स्वास्थ्य संबंधी परेशानी। आमदनी के मार्ग खुलेंगे।


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