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Electricity corporation: जेई को रोजाना करानी होगी दो हजार मीटरों की रीडिंग

बिलिंग में सुधार की मानीटरिंग का जिम्मा मुख्य अभियंता को सौंपा गया है। मुख्य अभियंता बिलिंग की समीक्षा करेंगे और कमी मिलने पर कार्रवाई की संस्तुति करेंगे। मुख्य अभियंता देवेंद्र सिंह ने कहा कि बिजली निगम का सबसे ज्यादा जोर सही और समय से बिलिंग पर है।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 12:06 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 12:06 PM (IST)
Electricity corporation: जेई को रोजाना करानी होगी दो हजार मीटरों की रीडिंग
बिजली निगम के संबंध में प्रतीकात्‍मक पुाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। मीटर रीडिंग बढ़ाने और सही बिजली का बिल बनाने के लिए बिजली निगम ने लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। शहर के हर उपकेंद्र क्षेत्र में रोजाना दो हजार उपभोक्ताओं के कनेक्शन की जांच कर मीटर रीडिंग कराने का लक्ष्य दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति उपकेंद्र रोजाना 15 सौ मीटरों की रीडिंग करनी होगी। इससे कम मीटर रीडिंग होने पर जेई को पूरी जानकारी एसडीओ को देनी होगी।

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समय से न बनने और गलत बिल बनने के कारण ज्यादातर उपभोक्ता बिजली का बिल नहीं जमा करते हैं। इससे बिजली निगम को राजस्व का नुकसान तो होता ही है बिल ठीक कराने में निगम के अफसरों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ती है। एक बार उपभोक्ता का बिजली का बिल गलत हुआ तो वह बार-बार बिल पर शक कर अफसरों के चक्कर काटता रहता है। मीटर रीडिंग का काम बिजनेस कंसल्टिंग एंड आइटी सोल्यूशंस को सौंपने के बाद बिजली निगम के अफसरों को उम्मीद थी कि मीटर रीडिंग में तेजी आएगी लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी अच्छे परिणाम अब तक नहीं मिले हैं। पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीटर रीडिंग कम होने पर एजेंसी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।

31 जनवरी तक का मिला है मौका

ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग एजेंसी को सुधार के लिए 31 जनवरी तक का मौका दिया है। इसके बाद भी बिलिंग की स्थिति में सुधार न हुआ तो ऊर्जा मंत्री ने कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

मुख्य अभियंता करेंगे मानीटरिंग

बिलिंग में सुधार की मानीटरिंग का जिम्मा मुख्य अभियंता को सौंपा गया है। मुख्य अभियंता बिलिंग की समीक्षा करेंगे और कमी मिलने पर कार्रवाई की संस्तुति करेंगे। मुख्य अभियंता देवेंद्र सिंह ने कहा कि बिजली निगम का सबसे ज्यादा जोर सही और समय से बिलिंग पर है। यदि बिल समय से नहीं मिलेंगे और गलत होंगे तो उपभोक्ता इसे जमा नहीं करेंगे। इससे राजस्व का नुकसान होगा।


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