मनीष गुप्ता हत्याकांड : हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की न्यायिक हिरासत 10 जनवरी तक बढ़ी
कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपित पुलिसकर्मियों की न्यायिक अभिरक्षा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 10 जनवरी तक बढ़ा दी है। छह जनवरी को दोपहर बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपितों की पेशी हुई लेकिन सीबीआइ टीम मौजूद नहीं रही।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपित पुलिसकर्मियों की न्यायिक अभिरक्षा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 10 जनवरी तक बढ़ा दी है। छह जनवरी को दोपहर बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपितों की पेशी हुई, लेकिन सीबीआइ टीम मौजूद नहीं रही। माना जा रहा है कि अगली तारीख तक सीबीआइ विवेचना का निस्तारण करने के साथ ही आरोपितों को गोरखपुर जेल से ले जाएगी।
एपीओ ने सीजेएम कोर्ट से न्यायिक अभिरक्षा बढ़ाने का किया अनुरोध
सीबीआइ टीम के लखनऊ से छह जनवरी की सुबह गोरखपुर पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन दोपहर तक टीम नहीं पहुंची। दोपहर दो बजे तक विवेचक की तरफ से एपीओ प्रार्थना पत्र लेकर सीजेएम के न्यायालय में पहुंचे। जिसमें आरोपितों की न्यायायिक हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसके बाद मनीष हत्याकांड के आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव व आरक्षी प्रशांत की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई।
10 जनवरी तक बढ़ाई गई न्यायिक अभिरक्षा
अदालत ने विवेचक के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सभी पुलिसर्मियों की न्यायिक हिरासत 10 जनवरी तक बढ़ा दिया।दो माह से मामले की जांच कर रही सीबीआइ घटना से जुड़े सभी लोगों का बयान दर्ज कर चुकी है।अब आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी चल रही है।माना जा रहा है कि 10 जनवरी को आरोप पत्र दाखिल सीबीआइ की टीम आरोपित पुलिसकर्मियों को अपने साथ ले जाएगी।
यह है मामला
दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने आए कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की 27 सितंबर की रात तारामंडल के होटल कृष्णा पैलेस में पुलिसकर्मियों ने पीटकर हत्या कर दी।मनीष की पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी जेएन ङ्क्षसह समेत छह पुलिसवालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की जांच पहले गोरखपुर क्राइम ब्रांच फिर एसआइटी कानपुर को दी गई।दो नवंबर को सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरु की।11 नवंबर को मामले की जांच करने गोरखपुर आई सीबीआइ की टीम तबसे मामले की जांच कर रही है।