बजट के अभाव में खत्म होने को है गोरखपुर में ''सफर स्टेशन'' का सफर
शहर में वायु प्रदूषण की मानीटरिंग करने के लिए करीब पौने दो करोड़ रुपयेे की लागत से कलेक्ट्रेट परिसर में एक साल पहले स्थापित सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) स्टेशन का सफर समाप्त होने को है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शहर में वायु प्रदूषण की मानीटरिंग करने के लिए करीब पौने दो करोड़ रुपयेे की लागत से कलेक्ट्रेट परिसर में एक साल पहले स्थापित सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) स्टेशन का सफर समाप्त होने को है। यूनिसेफ के सहयोग से इस स्टेशन को स्थापित करने वाला भारतीय उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आइआइटीएम) पुणे बजट के अभाव में इसका संचालन बंद करने जा रहा है।
संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लिखी जाएगी चिट्ठी
अक्टूबर 2021 में अनुबंध पूरा होने की वजह से आइआइटीएम इसका संचलन बंद कर रहा है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आगे के संचालन की जिम्मेदारी लेने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की है लेकिन बोर्ड की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में अगले महीने से स्टेशन के संचालन को लेकर समस्या खड़ी हो गई है।
सफर स्टेशन में लगे हैं अत्याधुनिक उपकरण
कलेक्ट्रेट में स्थापित सफर स्टेशन में अत्याधुनिक उपकरण लगा है। इसकी स्थापना में लगे बजट के अलावा हर साल इसके संचालन पर करीब 25 लाख रुपये का खर्च आता है। इसमें उपकरण के मेंटीनेंस एवं इंजीनियर का वेतन आदि शामिल है। भवन का किराया एवं बिजली का बिल इस खर्च में शामिल नहीं है। सफर स्टेशन गोरखपुर के लिए काफी महत्वपूर्ण है। आइआइटीएम पुणे द्वारा इसके संचालन को लेकर अक्षमता जाहिर करने के बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखकर इस स्टेशन का संचालन अपने हाथ में लेने का आग्रह किया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लगाना है इसी तरह का उपकरण
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसी तरह का एक उपकरण लगाना भी है। यदि इस स्टेशन का संचालन करने की जिम्मेदारी बोर्ड लेता है तो नया स्टेशन स्थापित करने के खर्च से बचा जा सकेगा लेकिन अभी तक आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पत्र का कोई जवाब नहीं आया है।
इसलिए फायदेमंद है सफर स्टेशन
सफर स्टेशन से हर 15 मिनट पर वायु प्रदूषण के आंकड़े लिए जा सकते हैं। पीएम 10, पीएम 2.5, पीएम 1 के अलग-अलग आंकड़े प्राप्त हो जाते हैं। इसके साथ ही मौसम से जुड़े पूर्वानुमान भी यहां से प्राप्त होते हैं। हर 15 मिनट पर हुई बारिश का रिकार्ड, हवा की गति, तापमान का विवरण भी प्राप्त हो जाता है। कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित इस स्टेशन से गोलघर सहित पांच किलोमीटर परिधि के वायु प्रदूषण की जानकारी मिल जाती है। गोड़धोइया नाले को नए सिरे से बनाने के लिए भी इसी स्टेशन से प्रतिदिन के बारिश के आंकड़े लिए गए थे।
जारी रहेगा सफर स्टेशन का संचलन
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि सफर स्टेशन महत्वूपर्ण है। उसके संचालन की वर्तमान स्थिति के बारे में अभी जानकारी नहीं थी। इस मामले को दिखवाया जाएगा। सफर स्टेशन का संचालन जारी रखा जाएगा।