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गोर्रा नदी का जोगिया तटंबंध टूटा, कई गांवों में भरा बाढ़ का पानी, दूसरे बांधों पर भी है दबाव

गोरखपुर जिले की नदियों में आई बाढ की वजह से स्थिति काफी खराब हाेे गई है। गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर बाढ का पानी आ जाने की वजह से आवगमन रोक दिया गया है। जोगिया तटबंध टूटने से कई गांवों में पानी भर गया है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 11:15 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 11:15 AM (IST)
गोर्रा नदी का जोगिया तटंबंध टूटा, कई गांवों में भरा बाढ़ का पानी, दूसरे बांधों पर भी है दबाव
गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग पर भरा बाढ का पानी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जिले में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। तीन सिंतबर को सुबह हुई बारिश के कारण कई बांधों में रिसाव शुरू हो गया। सिंचाई विभाग एवं प्रशासन की टीमों ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों के सहयोग से रिसाव को बंद कराया। तटबंधों की निगरानी जारी है। ग्रामीण भी पल-पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। ब्रह्मपुर क्षेत्र में फरेन नाला का दबाव बढऩे से गोर्रा नदी का जोगिया तटबंध टूट गया, जिससे आधा दर्जन से अधिक गांवों में पानी भर गया है। एनडीआरएफ की टीम ने इन गांवों की रेकी कर जरूरी जानकारियां जुटायी हैं।

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पानी भरने से बंद किया गया गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग

पानी चढ़ जाने के कारण गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोरखपुर एवं कौड़ीराम के बीच आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। खजनी-बांसगांव मार्ग पर भी आवागमन बंद है। शहर के नजदीक के बांधों पर भी दबाव बना हुआ है। राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) की टीमें अलर्ट पर हैैं। दो दिन से प्रभावित चल रहे गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोरखपुर-कौड़ीराम मार्ग शुक्रवार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। पानी चढऩे के कारण खजनी-बांसगांव मार्ग बंदकर यातायात बांसगांव-माल्हनपार के रास्ते डायवर्ट किया गया है। गोरखपुर-खजनी मार्ग पर पानी चढऩे से उसके भी बंद होने की आशंका है।

राप्‍ती नदी के जलस्‍तर दर्ज की गई गिरावट

गोरखपुर में 12 घंटे तक स्थिर रहने के बाद राप्ती नदी के जलस्तर में तीन सितंबर की सुबह फिर वृद्धि दर्ज की गई। तीन सेंटीमीटर तक बढ़कर नदी 77.32 मीटर पर आ गई। राहत की बात यह है कि शाम चार बजे के बाद नदी के जलस्तर में एक सेंटीमीटर की गिरावट हुई है। नदी सर्वाधिक तबाही के वाले वर्ष 1998 के जलस्तर से महज 23 सेंटीमीटर नीचे रह गई है। तीन सितंबर को सुबह हुई मूसलधार बारिश से बढ़े दबाव के कारण कई बांधों में रिसाव भी शुरू हो गया है।

बाेक्‍टा-बरवार बांध में हो रहा रिसाव

बड़हलगंज के गहिराघाट बांध, पाली के मटियारी बांध, गोरखपुर-लखनऊ हाईवे के किनारे बने बोक्टा-बरवार बांध में रिसाव हुआ। सिंचाई विभाग की टीम के साथ ग्रामीणों ने मशक्कत कर रिसाव रोका। बरहुआ के पास नदी की ओर से बांध में हो रही कटान रोकने के लिए पेड़ काटकर डाले गए हैैं। शहर से सटे मलौनी बांध पर राप्ती नदी की कटान से लालपुर टीकर के पास गड्ढा हो गया है। कैंपियरगंज-करमैनी मार्ग पर भी राप्ती का पानी चढऩे से आवागमन प्रभावित है।

304 गांव, 2.29 लाख लोग हुए प्रभावित

जिले में बाढ़ के चलते 304 गांवों में पानी घुसा है और दो लाख 29 हजार 650 लोग प्रभावित हैं। 38 हजार 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल पानी में डूबा है। सदर तहसील क्षेत्र के सर्वाधिक गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं। जिले में अब तक 409 नाव लगाई जा चुकी है।

अधिकारियों ने किया निरीक्षण

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी एवं जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने निरीक्षण कर स्थितियों का जायजा लिया। गोर्रा नदी पर बांध कटने के बाद मंडलायुक्त शुक्रवार की शाम वहां पहुंचे और बचाव कार्यों का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बांसगांव एवं अन्य क्षेत्रों में निरीक्षण कर स्थितियों का जायजा लिया।

छह हजार परिवारों में वितरित किया गया मिट्टी का तेल

पूर्ति विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित छह हजार परिवारों को 12 हजार लीटर मिट्टी का तेल वितरित किया गया। पूर्ति विभाग की ओर से तेल गोंडा से मंगाया गया था। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद

ने तेल वितरण की समीक्षा की। पूर्ति निरीक्षक अरुण ङ्क्षसह ने बताया कि छह ब्लाकों के गांवों में मिट्टी का तेल वितरित किया गया है। जल्द ही 12 हजार लीटर तेल और मंगाया जाएगा।

तहसीलों के माध्यम से वितरित की जा रही राहत सामग्री

बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री तहसीलों के माध्यम से वितरित की जा रही है। अभी तक राशन के करीब 21 हजार पैकेट दिए जा चुके हैं। तहसीलों की ओर से राजस्व कर्मियों के माध्यम से वितरण कराया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित लोगों को ऊंचे स्थान पर लाने की कोशिश की जा रही है लेकिन कई लोग घर छोड़कर नहीं आना चाहते। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि राहत सामग्री वितरण की सूचना उन्हें दे दी जाती है। प्रशासन की ओर से उपलब्ध करायी गई नाव से वे वितरण स्थल तक आ जाते हैं और राहत सामग्री ले जाते हैं।

पानी चढने से बंद किया गए गए कुछ मार्ग

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद बताते हैं कि जिले में बाढ़ राहत कार्य चल रहा है। कुछ मार्गों पर पानी चढऩे से आवागमन बंद हुआ है। बांधों की निगरानी की जा रही है। बाहर से बोट मंगाई गई है और एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें भी लगाई गई हैं। आपदा के समय सभी लोगों का सहयोग जरूरी है। इस दौरान यदि कोई किसी सामान के लिए ओवरचार्जिंग करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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