जागरण विमार्श : मखौड़ा धाम का है पौराणिक महत्व, इसके साथ ही पूरा होगा अयोध्या दर्शन
सांसद ने मखौड़ा धाम के विकास को रोजगार से भी जोड़ा। साथ ही बस्ती में अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों को भी गिनाया और कहा कि जिले में जितना कार्य आजादी के बाद 65 वर्षों में नहीं हुआ वह पिछले सात वर्ष में मोदी और योगी सरकार ने किया।
बस्ती, डा. राकेश राय। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या की चर्चा हो और उनके जन्म से अनिवार्य रूप से जुड़े मखधाम की चर्चा न हो, यह उचित नहीं। इसी को ध्यान में रखकर जो सरकार अयोध्या में 500 वर्षों के अनवरत संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण करा रही है, वही करोड़ों रुपये खर्च करके मखधाम को भी पर्यटन के नक्शे पर ला रही है। इसकी वजह साफ है, मखधाम मखौड़ा के बिना अयोध्या दर्शन पूरा ही नहीं होता। सोमवार को बस्ती में आयोजित जागरण विमर्श के पहले सत्र में 'अयोध्या और मख: विकास का नया अध्याय' विषय पर चर्चा के दौरान सांसद हरीश द्विवेदी ने यह बात पूरे दावे से कही। अनुरोध स्वरूप उनके इस दावे पर हरैया विधायक अजय ङ्क्षसह, मखधाम के मुख्य पुजारी सूरज दास वैदिक और कबीर चौरा मगहर के महंत विचारदास ने भी मुहर लगाई।
मखौडा धाम का है पौराणिक महत्व
सांसद हरीश ने अपने इस दावे के पक्ष में मखौड़ा धाम के पौराणिक महत्व पर तो प्रकाश डाला ही, उसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने को लेकर सरकार की ओर से किए गए प्रयास भी गिनाए। कहा कि मखौड़ा अयोध्या जितना ही पूज्यनीय और दर्शनीय स्थल है। यही वजह है कि केंद्र व प्रदेश सरकार इसके विकास को लेकर उसी तरह संकल्पित है, जिस तरह अयोध्या को लेकर। इसे लेकर अपने द्वारा किए गए प्रयास की चर्चा करते हुए सांसद ने बताया कि उन्होंने केवल मखौड़ा ही नहीं, वहां मौजूद पवित्र स्थल श्रृंगीनारी, शहीद स्थल छावनी और अमोढ़ा के लिए भी भारत सरकार से धन लाने में सफलता पाई। इसी क्रम में उन्होंने रामरेखा नदी और हनुमान बाग चकोही में पर्यटन विकास की दृष्टि से कराए गए कार्य भी गिनाए।
मखौडा को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का प्रयास
सांसद ने बताया कि मखौड़ा को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने के लिए केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं। सांसद ने भारत सरकार की उस योजना की भी चर्चा की, जिसके तहत चौरासी-कोसी परिक्रमा मार्ग को सिक्स लेन बनाया जाना स्वीकृत हुआ है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में मखौड़ा पर तीन से चार सौ करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। सांसद ने चर्चा के क्रम में मखौड़ा धाम के विकास को रोजगार से भी जोड़ा। साथ ही बस्ती में अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों को भी गिनाया और कहा कि जिले में जितना कार्य आजादी के बाद 65 वर्षों में नहीं हुआ, वह पिछले सात वर्ष में मोदी और योगी सरकार ने किया। सत्र का संचालन बृजेश दुबे ने किया।
राम मंदिर की तर्ज पर बन रहा मखौड़ा मंदिर
मखधाम मखौड़ा को श्रीराम का मूल स्थल बताते हुए हरैया विधायक अजय ङ्क्षसह ने राजा दशरथ द्वारा मख में किए गए पुत्रयेष्टि यज्ञ की चर्चा की। कहा कि मनोरमा नदी का पवित्र तट ही वह स्थल था, जहां भगवान राम को पाने के लिए दशरथ को यज्ञ करना पड़ा। उन्होंने जागरण के मंच से सरकार को धन्यवाद दिया, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मनोरमा नदी के तट पर घाट, यात्री विश्रामालय और शौचालय बनाने के लिए। यह भी बताया कि वहां पार्क और धर्मशाला के अलावा अयोध्या के राम मंदिर के तर्ज पर उस मंदिर का जीर्णोद्धार भी कराया जा रहा, जो उपेक्षा के चलते जर्जर हो गया था। उन्होंने इसे खुद का सौभाग्य बताया कि वह भगवान राम की मूल भूमि से जनप्रतिनिधि हैं।
मखधाम के साथ-साथ विकसित हो रहा कबीर धाम
कबीर चौरा के महंत विचारदास ने संतों के प्रति भगवान राम की आस्था से संत कबीर को जोड़ते हुए कहा कि मख धाम के साथ के साथ कबीर धाम के विकास को लेकर भी केंद्र और प्रदेश सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। 30 करोड़ की अकादमी दी, 26 करोड़ का राष्ट्रीय संग्रहालय दे रहे हैं। 22 करोड़ से सड़कें और पार्क विकसित करने जा रहे। उन्होंने मंच से बौद्ध परिपथ को सूफी परिपथ की जगह संत परिपथ घोषित करने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार भी ज्ञापित किया।
अयोध्या की तरह हो रहा मखधाम का विकास
मखौड़ा धाम के मुख्य पुजारी सूरजदास वैदिक ने धाम में चल रहे विकास कार्य पर संतुष्टि जताई और कहा कि अयोध्या की तर्ज पर मखौड़ा का विकास हो रहा है। चौरासी कोसी परिक्रमा की राह आसान करने की दिशा में हो रहे कार्य की उन्होंने मंच से सराहना की और प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी के प्रति आभार जताया।