योग, प्राणायाम के साथ ही आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन भी जरूरी
यह बातें राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रामपुर बल्डीहा के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. राघवेन्द्र कुमार मिश्र ने कही। कहा कि सभी जन ये ध्यान रखें कि वह घर से बाहर न निकले और संभव हो तो घर में भी एक दूसरे से संपर्क कम रखें दूरी रखें व समय- समय पर हाथ साबुन से धोते रहें।
महराजगंज: कोरोना वैश्विक महामारी का वर्तमान में बहुत विकराल रूप हो गया है। अगर हम अभी भी सचेत रहें तो हम इस महामारी के ऊपर बहुत ही आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं और लोगों को संक्रमित होने से व मृत्यु से बचा सकते हैं। कोरोना से बचाव के लिए योग, प्राणायाम के साथ ही आयुर्वेदिक औषधियों व जड़ी-बुटियों का सेवन काफी लाभप्रद होगा।
यह बातें राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रामपुर बल्डीहा के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. राघवेन्द्र कुमार मिश्र ने कही। कहा कि सभी जन ये ध्यान रखें कि वह घर से बाहर न निकले और संभव हो तो घर में भी एक दूसरे से संपर्क कम रखें, दूरी रखें व समय- समय पर हाथ साबुन से धोते रहें। इसके साथ ही परिवार के अगर किसी सदस्य को अत्यंत आवश्यक है घर से बाहर जाना तो एक सर्जिकल मास्क व दूसरा एन-95 मास्क दोनों पहन कर निकले व उसके बाद भी भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर रहे और आपस में भी अपने कार्यस्थल पर डबल मास्क, एक दूसरे से दूरी व बार बार हाथ सैनिटाइ•ोशन जरूर करते रहें। गरारा करते रहें, इससे काफी हद तक कोविड-19 वायरस से बच सकते हैं। इन औषधियों के साथ-साथ इस रोग में लक्षण के अनुसार सुदर्शन घन वटी, त्रिभुवन कीर्ति रस, नारदीय लक्ष्मीविलास रस, अस्वागंधा चूर्ण, गिलोय व आमला स्वरस व च्यवनप्राश का उपयोग भी कोरोना से बचाव व इलाज में अतिशय उपयोगी साबित हो रहा। यदि व्यक्ति आयुर्वेदानुसार अपनी दिनचर्या, आहार-विहार का पालन व प्राणायाम, अनुलोम विलोम आदि का योग के माध्यम से निरंतर अभ्यास कर रहा है, दिन में दो बार गुनगुने पानी में हल्दी व नमक डालकर गरारा करें, दिन में तीन बार अजवायन, कपूर डालकर भांप लें तो निरोग रहा जा सकता है।