अब गोरखपुर में भी सुबह-शाम गूंजेगा 'हरे कृष्ण-हरे कृष्ण', बनेगा इस्कॉन का मंदिर
इस्कॉन का मंदिर अब गोरखपुर में भी बनेगा। उसके पहले यहां एक प्रचार केंद्र की स्थापना की जाएगी ताकि यहां के लोग हरे कृष्ण महामंत्र का आनंद ले सकें।
गोरखपुर, जेएनएन। श्रीकृष्ण भक्ति के प्रचार की अंतरराष्ट्रीय संस्था इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) का मंदिर अब गोरखपुर में भी बनेगा। उसके पहले यहां एक प्रचार केंद्र की स्थापना की जाएगी ताकि यहां के लोग 'हरे कृष्ण' महामंत्र का आनंद ले सकें। इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभु पाद थे। उनका मूल उद्देश्य गीता व श्रीमद्भागवत पुराण के साथ श्रीकृष्ण भक्ति का प्रचार करना था। आज उनके इस उद्देश्य को विश्व के कई देशों के लाखों श्रद्धालु सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
बैठक में प्रस्तुत हुई रूपरेखा
यह बातें इस्कॉन की बैठक में सामने आईं। अध्यक्षता इस्कॉन लखनऊ के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास ने की। उन्होंने गोरखपुर में इस्कॉन का एक मंदिर और प्रचार केंद्र खोलने की रूप रेखा प्रस्तुत की, जिसका सभी लोगों ने बड़े उत्साह से स्वागत किया और इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की बात कही।
पहले किराए के मकान में खुलेगा प्रचार केंद्र
अपरिमेय ने कहा कि मंदिर के लिए जमीन देखी जाए, उससे पहले यहां एक किराये के मकान में प्रचार केंद्र खोला जाना चाहिए। संभव हो तो तीन दिन का सेमिनार आयोजित किया जाए ताकि लोगों को इस्कॉन व उसके उद्देश्य के बारे में पता चल सके। प्रचार केंद्र खुल जाने से रोज सुबह-शाम 'हरे कृष्ण' महामंत्र का उच्चारण और साप्ताहिक सत्संग का लोगों को लाभ मिलेगा। बैठक का आयोजन मुंबई से आए विद्यापति माधव दास ने किया।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप