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Gorakhpur coronavirus: गोरखपुर में बाहर से आने वालों के लिए रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर सक्रिय की गईं जांच टीमें

विभाग का मानना है कि दूसरी लहर बाहर से आए संक्रमितों की वजह से आई और अप्रैल व मई में स्थिति भयावह हो गई थी। अब पुन देश के अनेक हिस्सों में संक्रमण बढ़ रहा है। बाहर से लोगों का आना जारी है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 02:09 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 07:11 PM (IST)
Gorakhpur coronavirus: गोरखपुर में बाहर से आने वालों के लिए रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर सक्रिय की गईं जांच टीमें
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार बढ़ रही संक्रमितों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बाहर से पुन: संक्रमण जिले पहुंचकर भयावह स्थिति उत्पन्न न कर दे, इसे लेकर विभाग सतर्क हो गया है। रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर कोरोना की जांच करने वाली टीमों को पुन: सक्रिय कर दिया गया है। शीघ्र ही बस स्टेशन पर भी बूथ बना दिया जाएगा।

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जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 15 मार्च को शून्य थी। इसके बाद धीरे-धीरे बढऩे लगी। इसी समय पंचायत चुनाव व होली के मद्देनजर बाहर से बड़ी संख्या में लोगों का आगमन हुआ था। विभाग का मानना है कि दूसरी लहर बाहर से आए संक्रमितों की वजह से आई और अप्रैल व मई में स्थिति भयावह हो गई थी। अब पुन: देश के अनेक हिस्सों में संक्रमण बढ़ रहा है। बाहर से लोगों का आना जारी है। इसलिए कोरोना की रोकथाम के लिए एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन पर जांच टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि अधिक से अधिक यात्रियों की जांच का निर्देश दिया गया है।

एक सप्ताह से नहीं मिले संक्रमित

कोरोना जांच प्रभारी डा. एके सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर एक सप्ताह के अंदर कोई कोई संक्रमित नहीं मिला है। इसके पहले कुशीनगर के दो, देवरिया व बिहार के एक-एक युवकों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वे मुंबाई से आए थे। उनमें कोई लक्षण नहीं थे। दवाएं देकर उन्हें सतर्कता के साथ घर जाकर आइसोलेट होने की सलाह दी गई।

बस स्टेशन पर आ रही दिक्कत

डा. एके सिंह ने बताया कि बस स्टेशन पर दूसरी लहर के दौरान जांच बूथ बनाया गया था। लेकिन बसें सड़क पर रहती हैं। सड़क पर ही यात्री बसों में चढ़ते-उतरते हैं। हम बूथ सड़क पर बना नहीं सकते। परिसर में बूथ होने से यात्री वहां जांच कराने आते नहीं हैं। इस बार बूथ बनाने के बाद कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को लोगों को जांच कराने के लिए प्रेरित करने को लगाया जाएगा।


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