गोरखपुर जिला जेल में ड्रोन व मेटल डिक्टेटर से जांच, बैरक में मिले यह सामान Gorakhpur News
गोरखपुर जिला जेल की डीएम और एसएसपी ने जांच की। जांच में कई आपत्तिजनक वस्तुएं मिलीं।
गोरखपुर, जेएनएन। डीएम व एसएसपी की उपस्थिति में गोरखपुर जिला जेल की दो घंटे तक ड्रोन, मेटल डिक्टेटर व इलेक्ट्रानिक इक्रूटमेंट प्रेशर मशीन से पूरे परिसर की तलाशी ली गई। बंदियों के बिस्तर व बैरक से गुटखा, सुर्ती, और सिगरेट मिला। इसके अलावा कोई प्रतिबंधित सामान नहीं मिलने की सूचना नहीं है। जेल में अचानक भारी फोर्स पहुंचने से बंदियों में हड़कंप मच गया।
जेल से व्यापारी की हत्या की साजिश का हुआ था पर्दाफाश
31 जुलाई को फिरोजाबाद पुलिस ने आजमगढ़ के रहने वाले दो शूटरों को पकड़ा था। पूछताछ में सामने आया था कि शूटर वहां के एक व्यापारी की हत्या करने जा रहे थे। जांच में सामने आया था कि व्यापारी की हत्या की साजिश गोरखपुर जेल में हुई थी। जिसमें गोरखपुर जेल में बंद व एसटीएफ द्वारा पकड़े गए फिरोजाबाद के देवेंद्र यादव व आजमगढ़ के रहने वाले प्रिंस जायसवाल का नाम सामने आया था। जिसके बाद देवेंद्र को हाई सिक्योरिटी बैरक में डाल दिया गया था वहीं प्रिंस को भी बैरक बदल दिया गया था। एसटीएफ और क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है।
अधिकारियों ने चप्पे-चप्पे को छाना
इस बीच शासन के निर्देश पर डीएम के. विजयेंद्र पांडियन, एसएसपी डॉ सुनील गुप्ता, एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ, सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह, सीओ कोतवाली वीपी सिंह के अलावा कैंट, शाहपुर, गोरखनाथ, क्राइम के साथ जेल पहुंचे। डीएम व एसएसपी ने पुलिसकर्मियों के साथ हाई सिक्योरिटी बैरक, मिलेनियम, महिला बैरक, मेस, अस्पताल, स्नानागार की तलाशी ली। इसके अलावा सभी बंदियों के बिस्तर को भी चेक किया गया। बैरक के आसपास जमीन व फर्श की भी मेटल डिटेक्टर से जांच की गई। ड्रोन से बैरकों की छत को देखा गया। बैरक में गुटखा, सिगरेट व तंबाकू मिलने पर डीएम ने जेल अधिकारियों को हिदायत दी। तलाशी के दौरान वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. रामधनी व जेलर प्रेम सागर शुक्ला भी मौजूद रहे।
एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि जेल की तलाशी ली गई है। कोई प्रतिबंधित या इलेक्ट्रानिक उपकरण नहीं मिला है। कुछ बंदियों के पास से गुटखा आदि सामग्री मिली है। उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार कार्रवाई होगी।
देवेंद्र व प्रिेंस से क्राइम ब्रांच ने की पूछताछ
तलाशी के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम ने हाई सिक्योरिटी बैरक में रखे गए देवेंद्र यादव और मिलेनियम बैरक में रखे गए उसके साथी प्रिंस जायसवाल से पूछताछ की। फिरोजाबाद के व्यापारी की हत्या करने की सुपारी शूटरों को कैसे और किसके जरिए दी इसे जानने का प्रयास किया। लेकिन दोनों बदमाश खुद को निर्दोष बताते रहे। सर्विलांस की मदद से क्राइम ब्रांच और एसटीएफ इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी है।